सौंफ की वम्पर पैदावार

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मसाला खेती को विश्वविख्यात भरतपुर, भरतपुर के महाराजा सूरजमल व जयपुर के जयसिंह को पसन्द थी सौंफ

भरतपुर- जिला के उपखण्ड वैर-भुसावर.सहित अन्य उपखण्ड क्षेत्र में मसाला की खेती होती है,जिले में दो दर्जन से अधिक प्रकार के मसाला की खेती है। वैर-भुसावर उपखण्ड के एक दर्जन गांवों में एक दर्जन प्रकार के मसाले पैदा होते है,जिसमें सौंफ,धनियां,मैथी,मिर्ची आदि सर्वाधिक खेती होती है। मसाला की पैदावार और मसाले के स्वाद के कारण भरतपुर जिले की विश्व में पहचान कायम है। इस बार सौंफ की पैदावार व भाव को देख किसान के चेहरे पर खिलावट झलक रही है। सौंफ की पैदावार का साल 2012 में करीब 12 हजार मन का रिकार्ड है,जो साल 2024 में कायम होने का अनुमान है।
– कहां.कहां होती है सौंफ की खेती
कस्वा हलैना,भुसावर व वैर सहित नगला बाई, सैन्दली,वौराज, भगवानपुर,दीवली,नाथू का नगला, कंचनपुरा,कल्ला का गोला,दयापुर,नयागावं खालसा,जगजीवनपुर, प्रेमनगर, गोविन्दपुरा,जहानपुर,समराया,त्यौहारी,सिरस,टुण्डपुरा,नीमली,नरहरपुर,वारौली,रहीमगढ,घाटरी,कोठकी,बन्ध का नगला,नगला धवला,शायपुर,छौंकरवाडा कलां,बल्लभगढ,सलेमपुर खुर्द,बाछरैन,कमालपुरा,झारोठी,पथैना,हिंगोठा,अलीपुर, मजाजपुर,निठार,मंसापुरा आदि गांव में सौंफ की खेती होती है।
-मसाला खेती की पैदावार का ग्राफ
मसाला खेती में सौंफ,धनिया व मिर्ची सर्वाधिक होती है,
2019 में सौंफ की करीब 8 हजार मन,धनियां की 2 हजार मन,मैथी की 10 हजार मन,जीरा की 50 मन,हल्दी की 50 मन,अमचूर की 25 हजार मन,इमली की 400 मन,अजमान की 125 मन,मिर्ची की 22 हजार मन पैदावार हुई,साल 2020 में सौंफ की करीब 9 हजार मन,धनियां की 2.5 हजार मन,मैथी की 14 हजार मन,जीरा की 35 मनएहल्दी की 125 मनएअमचूर की 28 हजार मन,इमली की 450 मन,अजमान की 130 मन,मिर्ची की 30 हजार मन पैदावार हुई,साल 2021 में सौंफ की करीब 10 हजार मन,धनियां की 2 हजार मन,मैथी की 16 हजार मन,जीरा की 32 मन,हल्दी की 105 मन,अमचूर की 21 हजार मन,इमली की 480 मन,अजमान की 110 मन,मिर्ची की 32 हजार मन पैदावार हुई,2022 में सौंफ की करीब 8 हजार मन,धनियां की 2 हजार मन,मैथी की 10 हजार मन,जीरा की 50 मन,हल्दी की 50 मन,अमचूर की 25 हजार मन,इमली की 400 मन,अजमान की 125 मन,मिर्ची की 22 हजार मन पैदावार हुई,साल 2023 में सौंफ की करीब 9 हजार मन,धनियां की 2.5 हजार मन,मैथी की 14 हजार मनएजीरा की 35 मनएहल्दी की 125 मन,अमचूर की 28 हजार मन,इमली की 450 मन,अजमान की 130 मन,मिर्ची की 30 हजार मन पैदावार हुई। साल 2024 में मसाला की फसल को देख उक्त मसाला की पैदावार में 10 से 15 प्रतिात बढोत्तरी का अनुमान है।
. महाराजा सूरजमल को पसन्द थी सौंफ
भुसावर.वैर क्षेत्र की सौंफ भरतपुर रियासत के संस्थापक महाराजा सूरजमल,महाराजा जवाहरसिंह,जसवन्तसिंह,महाराजा किसनसिंह एवं महाराजा बिजेन्द्रसिंह,झांसी की रानी लक्ष्मीबाई,ग्वालियर के महाराजा किरण सिन्धिया,जयपुर के महाराजा जयसिंह सहित दिवगंत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू,इन्दिरा गांधी,चौधरी चरणसिंह,उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल,मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिया,भैरोसिंह शेखावत,बसुन्धरा राजे आदि को पसन्द थी। साथ अनेक विदेशी शासक भी रहे। मुगल सम्राट अकबर एवं उसके दादा बाबर को भुसावर.वैर की सौंफ सहित अन्य मसाले पसन्द थे।
– ये होती मसाला की खेती
यहां सौंफ के अलावा धनियां,मैथी, जीरा, हल्दी, अमचूर, इमली,अजमान,मिर्ची ,अदरक,लहुसन,प्याज आदि की मसाला खेती होती है। जिसमें सौंफ,मिर्ची व धनियां की वम्फर पैदावार होती है।
– .सौंफ ने कलावती को बनाया धनवान
ईश्वर की कृपा हो और मेहनत के प्रति लग्न होएऐसा व्यक्ति जीवन में असफल नही हो सकता है और प्रत्येक क्षेत्र में सफलता ही सफलता प्राप्त होती है। गांव नगला धाकड निवासी कलावती ने स्वयं की करीब दो वीद्या तथा पाचं साल पहले लीज ली गई ,करीब 3 वीद्या भूमि पर सौंफ तथा अन्य भूमि पर अन्य मसाला तथा सब्जी की पैदावार कर परिवार की आर्थिक हालत मजबूत की और बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के साथ मकान बनाया एवं समाज में प्रतिष्ठा कायम की। धनियां ने कलावती को धनवान बना दिया,खेती के अलावा इसे अन्य कार्य तथा रिस्तेदारी में जाना कम पसन्द है,जो प्रतिदिन 10 से 12 घन्टे खेती पर कार्य करती है।


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