जंहा यज्ञ होता है श्रीहरि विष्णु पत्नि लक्ष्मी वंही तो निवास करेगी -” यश”
जयपुर, यज्ञ से समस्त पापों का मोचन शमन होता है तथा जंहा यज्ञ होगा वहीं तो श्रीहरि विष्णु पत्नि लक्ष्मी का निवास होगा। उक्त कथन ओउमाश्रय सेवा धाम में पाप मोचिनी एकादशी व्रत तथा श्रीहरि विष्णु लक्ष्मी पूजन का महात्म्य वताते हुए वैदिक चिंतक एवं ओउमाश्रय संचालक यशपाल यश ने व्यक्त किए।यश ने कहा कि “यज्ञो वै विष्णु”यज्ञ ही विष्णु हैं तो श्रीहरि की अर्धांगिनी लक्ष्मी यज्ञ कर्ता के साथ ही रहेगी।यश ने कहा कि ऋज धातु से बने शव्द यज्ञ का अर्थ दान समर्पण संगतिकरण और देव पूजा है । उन्होंने कहा कि लोभ पाप का वाप है जो सर्व जन हिताय सर्वजन सुखाय आहुति देने वाले का पाप स्वत: ही नष्ट या मोचन हो जाता है ।
डॉ कल्याण लाल गुप्ता प़ेम नारायण गुप्ता भगवान दास गर्ग दीपांकर श्रीमति नेहा गुप्ता आद्विक कियारा कियान आदि ने भाग लिया।
यज्ञ का संचालन श्रीमति मधु यश एवं डॉ प़मोद पाल ने किया। मुख्य यजमान श्रीमति श्रृद्धा एवं सौरभ गुप्ता रहे।
Gangapur City, Rajasthan