कामां। जूरहरा कच्ची समाधि वाले सतीशत बाबा सिमरन दास इंद्री करनाल (हरियाणा) के शिष्य व उनकी गद्दी पर विराजमान सन्त विभूति चंद्रप्रकाश गोस्वामी टोनी बाबा का मंगलवार की दोपहर को 65 साल की उम्र में दिल्ली में निधन हो गया जिनके निधन की सूचना पर देश-विदेश में रहने वाले उनके अनुयायियों व जुरहरा कस्बा सहित ग्रामीणअंचल में शोक की लहर दौड़ गई। टोनी बाबा की पार्थिव देह मंगलवार की देर रात्रि जुरहरा स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंची जहां उनके शिष्यों व अनुयायियों का भारी संख्या में जुरहरा आना शुरू हो गया। बुधवार की सुबह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित देश-विदेश से आए उनके अनुयायियों ने उनकी पार्थिव देह के अंतिम दर्शन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गोस्वामी चंद्रप्रकाश टोनी बाबा की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और जुरहरा कस्बे के शमशान घाट में विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गौरतलब है कि मूल रूप से जुरहरा कस्बा निवासी चंद्रप्रकाश गोस्वामी जिन्हें टोनी बाबा के नाम से जाना जाता है के पिता श्री बंसीलाल जी गोस्वामी कच्ची समाधि वाले बाबा सतीसत सिमरनदास इंद्री करनाल के परम शिष्य थे और उनकी मृत्यु के बाद चंद्रप्रकाश गोस्वामी उनकी गद्दी पर बैठे जिन्होंने अपना पूरा जीवन जनता की सेवा व जनहित के कार्यों में लगा दिया। देवी के परम भक्त चंद्र प्रकाश गोस्वामी टोनी बाबा को मनुस्मृति पूरी तरह से कण्ठस्थ याद थी। बाबा के लाखों की संख्या में शिष्य दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित देश-विदेश में रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार श्राद्ध पक्ष की दशमी से द्वादशी तक तीन दिन उनकी गद्दी इंद्री करनाल में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है जहां सातों कौमों से लाखों लोग वहां आते हैं।