प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर बारा क्षेत्र स्थित गन्ने टोल प्लाजा के कर्मचारियों के द्वारा आए दिन यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।आखिर इनके इन हरकतों पर सरकार के जिम्मेदार क्यों कोई कार्यवाही करते नजर नहीं आते जो लोगों के जहन में एक अहम और बड़ा सवाल खड़ा करता है। जबकि सड़क परिवहन मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जनता की सुविधा के लिए टोल प्लाजाओं की नियमावली बनाते हुए सुविधाएं प्रदान की हैं फिर इन टोल कर्मियों के द्वारा नियमों की अनदेखी क्यों की जाती है। जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी शासन व प्रशासन में बेखौफ टोल कर्मचारियों द्वारा यात्रियों से मारपीट करना आम बात हो गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे लोग प्रदेश के जनपद प्रयागराज में नहीं बल्कि पाकिस्तान का बॉर्डर लांघ रहे हों। मजे की बात तो यह है कि हाईवे पर टोल प्लाजा पर बैठी पुलिस यात्रियों की सुरक्षा के बजाय मारपीट के दौरान मूकदर्शक बनी देखती रहती है। वहीं लोगों के बीच में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ईमानदार सरकार को बदनाम करने के लिए खुल्लम-खुल्ला इस तरह का नंगा नाच यात्रियों के साथ किया जाता है अगर सरकार के नुमाइंदों और टोल कर्मियों का इसी तरह रवैया रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में भी सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इन कर्मियों का आए दिन यात्रियों से मारपीट एक सूत्रीय कार्यक्रम में शुमार हो गया है। ऐसे दुर्व्यवहार से आजिज आकर लोगों ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकर्षण करते हुए कहा है कि ऐसा घटिया कार्य सरकार को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप में बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि अभी हाल ही में गन्ने टोल प्लाजा में टोल कर्मियों द्वारा पत्रकारों से मारपीट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कार सवार यात्री मैहर से दर्शन करके लौट रही महिलाओं के साथ मारपीट का मामला प्रकाश में आया है जो कहीं ना कहीं जिम्मेदारों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।