कैलाश मानसरोवर तथा तिब्बत की आजादी के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेंगे – डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी

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सवाई माधोपुर 5 मई। भारत तिब्बत सहयोग मंच का रजत जयंती दिवस ठींगला स्थित बालाजी मंदिर में महंत बालकदास महाराज के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया। इस अवसर पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिर परिसर में पक्षियों हेतु परिंडे भी बांधे गये।
इस अवसर पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रांतीय महामंत्री डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने कहा कि 1959 में तिब्बत पर चीन के आधिपत्य के समय से ही तिब्बती अपनी आजादी हेतु संघर्षरत हैं। यह विषय भारत की सुरक्षा से भी जुड़ा होने के कारण हम भारतीयों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे आराध्य देव भगवान शंकर के निवास स्थान कैलाश मानसरोवर पर भी चीन का आधिपत्य है। तिब्बत और कैलाश मानसरोवर को चीन से मुक्त कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इन्द्रेश, तत्कालीन सरसंघचालक के. सी. सुदर्शन तथा तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के नेतृत्व में पांच मई 1999 को धर्मशाला में भारत तिब्बत सहयोग मंच की स्थापना की गयी। पूरे भारत में मंच की विभिन्न इकाईयाँ तथा इसके कार्यकर्त्ता तिब्बत और कैलाश मानसरोवर को चीन से मुक्त कराने के उद्देश्य से निरंतर संघर्षरत हैं और इनकी चीन से मुक्ति तक निरंतर संघर्षरत रहेंगे।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के जिलाध्यक्ष लाल चंद गौत्तम ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर भारत तिब्बत सहयोग मंच महिला विभाग की जिलाध्यक्ष श्रीमती कृष्णा गुप्ता तथा वरिष्ठ कार्यकर्ता मोहन लाल कौशिक सहित अनेक कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।


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