वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद खबर, चंबल घड़ियाल अभ्यारण में निरंतर बढ़ रहा घड़ियाल का कुनबा, नई दुनिया में कदम रख रहे नन्हे घड़ियाल
सवाई माधोपुर, 2 जून। रणथम्भौर टाईगर रिजर्व की रेंज पालीघाट के अन्तर्गत चम्बल नदी में 27 मई, 2024 को दुर्लभतम घड़ियाल की नेचुरल हेचिंग होना प्रारंभ हो गया हैं। मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव एवं क्षेत्र निदेशक, रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर, जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव एवं उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक (प्रथम) बाघ परियोजना डॉ० रामानन्द भाकर द्वारा रेन्ज पालीघाट का निरीक्षण करने पर देखा गया कि घड़ियाल के नन्हें बच्चे अंडो से बाहर निकलकर अपनी नई दुनिया में कदम रख रहे है।
मादा घड़ियाल मार्च के प्रथम सप्ताह में संरक्षित स्थल का चयन कर नदी किनारे सेंड बैंक (बालू रेत) में घोंसला बनाकर अंडे देती हैं। अंडो से बच्चे निकलने की अवधि करीब 60 से 70 दिवस होती हैं एवं बच्चे निकलने का समय मई के अंतिम सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह में होता हैं।
एक व्यस्क मादा घड़ियाल साल में एक बार ही घोंसला बनाती है जिसमें बच्चों की संख्या 25 से 50 होती है, जिनका जून के प्रारंभ में अंडों से बाहर आना प्रारंभ होता है। जिससे घड़ियाल का कुनवा निरन्तर बढ रहा है। भीषण गर्मी में जहां जीवन की कल्पना करना मुश्किल हो रहा है वहीं घड़ियाल के बच्चों का अंडों से बाहर आना सुखद अनुभव है। यह विभाग एवं वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद खबर है। भीषण गर्मी होने के बाद भी इन्हें देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है।