भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए हमारा समर्पण आवश्यक: शरद रेणु

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राष्ट्र सेविका समिति के 15 दिवसीय प्रवेश प्रशिक्षण वर्ग का समापन समारोह संपन्न

भीलवाड़ा।आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में कल राष्ट्र सेविका समिति के 15 दिवसीय प्रवेश प्रशिक्षण वर्ग का समापन समारोह संपन्न हुआ। अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख माननीय डॉ शरद रेणु शर्मा, अखिल भारतीय निधि प्रमुख वंदना वजीरानी, वर्गाधिकारी सुशीला पारीक, अध्यक्षा कृष्णा चित्तौड़ा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम आरंभ किया। सर्वप्रथम ध्वज एवं प्रार्थना के पश्चात प्रात्येक्षिक का प्रदर्शन किया गया जिसमे योगासन, दण्ड, नियुद्ध, यष्टि, योगचाप, व्यायाम एवं गोपुर का प्रदर्शन प्रवेश वर्ग की शिक्षार्थी बहनों द्वारा किया गया। वंदना वजीरानी द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी गई। उसके पश्चात सुशीला पारीक ने 15 दिवसीय वर्ग का वृत्त निवेदन किया। तत्पश्चात कृष्णा चित्तौड़ा का अध्यक्षीय उद्बोधन हुआ। इसके बाद माननीय शरद रेणु दीदी का बौद्धिक हुआ। शरद दीदी ने कहा कि स्त्री पुरुष दोनों का अर्धांग गरुड़ के दोनों पंख हैं। जब इन दोनों पंखों के साथ गरुड़ गगन में ऊंची उड़ान भरेगा, तो निश्चित ही भारत विश्व में अपनी एक अलग पहचान लेकर उभरेगा। राष्ट्र सेविका समिति शाखा पद्धति के माध्यम से कार्य करते हुए और कार्यकर्ताओं को प्रेरणा देते हुए प्रत्येक राष्ट्रकार्य में अपना योगदान देती है। एक शाखा से मौसीजी लक्ष्मीबाई केलकर द्वारा 1936 की विजयादशमी पर स्थापित यह संगठन देश विदेश में शाखाओं के माध्यम से महिलाओं को शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक व आत्मिक स्टार पर सशक्त व सक्षम बनाता है। अभी प्रशिक्षण वर्गों का कालखंड चल रहा है। इन प्रशिक्षण वर्गों के माध्यम से सेविकाओं में अदम्य शौर्य, साहस और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता का विकास होता है। समिति तेजस्वी राष्ट्र का पुनर्निर्माण करने वाली माता बनना चाहती है। यह जीजाबाई, लक्षीबाई और अहिल्याबाई होलकर जैसी तेजस्वी माताओं को अपना आदर्श मानती है। आज भारत के लिए ऐसा टर्निंग प्वाइंट है, जब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। हमारी वसुधैव कुटुंबकम् की भावना दुनिया तक पहुंच रही है। उन्होंने विवेकानंद जी और वीर शिवाजी के अनेक प्रसंगों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति समर्पण को आज के युग की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत को विश्वगुरु के सिंहासन पर विराजमान करने के लिए प्रत्येक को राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव के साथ राष्ट्रकार्य में रत रहना होगा। अंत में वर्ग कार्यवाहिका मनीषा जाजू ने सभी मंचासीन अतिथियों, संघ एवं अन्य संस्थाओं के कार्यकर्ताओं, शहरवासियों, शिक्षिका, प्रबंधिका एवं शिक्षार्थियों का आभार ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में प्रांत, क्षेत्र, विभाग, जिला और महानगर की कार्यकारिणी की उपस्थिति थी। साथ ही समाज के गणमान्य बंधु और प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में समापन समारोह संपन्न हुआ।


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