भितली बावड़ी से लाय जल से वल्लभ कुल परिवार ने ठाकुरजी को कराए स्नान
परंपरा अनुसार लगा सवा लाख आम का भोग,
स्नान के जल को पाने के लिए गुमते रहे वैष्णव
स्नान यात्रा मनोरथ पर्व पर उमड़ा जनसैलाब, हजारों की तादात में वैष्णव जन ने लिया निशुल्क आम का प्रसाद
नाथद्वारा वल्लभ सम प्रदाय कि प्रधान पीठ नाथद्वारा मंदिर में आज हर वर्ष की भाती इस वर्ष भी स्नान यात्रा मनोरथ हजारों वेष्णव जनो ने दर्शन लाभ लिया गौर तलब है कि स दी यो पुरानी परंपरा है की ठाकुर जी के स्नान यात्रा मनोरथ से एक रोज पूर्व गुसाई जी परिवार ठाकुरजी के स्नान के लिए, नदी, बावड़ी से स्वर्ण, कलश में जल लाया जाता रहा है जिसमे साय आरती दर्शन बाद पातलघर स्थित जल पान की कोटड़ी में तिलकायत महाराज श्री द्वारा स्नान के जल को अधिवासन कर उसमे केसर, चंदन, बरा स व सात, आठ प्रकार के पुष्प मिलाकर स्नान के जल को सुवासिज किया जाता है उसी जल से ठाकुरजी व निधि स्वरूप लाडले लाल को ज्येष्ठाभिषेक कराया जाता है जो प्रातः मंगला के दर्शन मे स्नान होता आया है इस दर्शन लाभ के लिए वैष्णव जन प्रातः तीन बजे से ही बाजारों में आकर बैठ जाते हैं उसी श्रृंखला में आज स्नान के दर्शन लाभ के लिए वैष्णव जन आज भी मंदिर खुलने का इंतजार करने लगे, जबकि आसमान में बादल छाए हुए थे बूंदा बूंदी के साथ मौसम बिगड़ा हुआ था फिर भी वैष्णव जन स्नान के दर्शन लाभ के लिए जमे रहे, मंगला आरती के बाद ठाकर जी के स्नान के दर्शन बाद भी काफी समय तक निरंतर दर्शन लाभ लेते रहे जिसके चलते दर्शन काफी समय तक चले,इसके पश्चात ठाकुरजी को गोपी वल्लभ भोग मे नित नेग के साथ अधकी भोग मे सवा लाख आम का भोग लगाया गया , भोग सरने के पश्चात ठाकुरजी के राज भोग के दर्शन खुले जिसमे दर्सनार्थियो का जन सैलाब उमड़ा साथ ही तिलकायत महाराज श्री की आज्ञा अनुसार व विशाल बावा साहब की प्रेरणा से प्रति वर्ष की भाती इस वर्ष भी नगार खाना गेट पर हर दर्सनार्थियो को निशुल्क आम का प्रसाद कैलाश काका के नेतृत्व में, नरेंद्र पालीवाल, शंकर लाल माली द्वारा निशुल्क आम वितरण किया गया जिसके चलते वितरण कर ने की जगह छोटी होने के साथ ही भेट रसीद मिलने वाला प्रशाद काउंटर भी यही, मोबाइल फोन काउंटर भी यही व दर्शन कर निकलने वाला रास्ता भी यही होने से लोगो को भारी समस्या का समाना करना पड़ा। हालात लेने वाले मे हाथापाई तक की नोबत तक आग ई जिसको सेवा वालो, टाइगर फोर्स के जवानों द्वारा समजाइस कर व्यवस्था सुचारू रूप से चलाई गई इस अवसर पर जानकारी प्राप्त करने पर कई वेष्णवो ने बताया कि मंदिर के अंदर की दर्शन व्यवस्था तो एक दम परफेक्ट है परंतु निकासी व्यवस्था में नगार खाना गेट से होने के कारण बाहर ही प्रशाद काउंटर खोले गए निशुल्क प्रसाद वितरण काउंटर भी यही मोबाइल काउंटर भी यही होने से लोगो का जमावड़ा लग जाता है जिस के चलते आने वाले वैष्णव जन को इन काउंटर पर भीड़ जुटने से जाम जैसी स्थिति उत्पन हो जाती है लोगो का निकलना मुश्किल हो जाता है ।
वेष्णवो ने बताया कि तिलकायत महाराज श्री की आज्ञा व विशालबावा साहब के दिशा निर्देश मे ठाकुरजी की सेवा व सेवा घरों में समय की माग को देखते हुए आधुनिक साधन सुविधा व्यवस्था उपलब्ध करवाते हुवे आमूलचूक बदलाव किया जो सराहनीय कदम है, परंतु वैष्णवो के मंदिर प्रवेश, व निकासी की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
K. K. Gwal