जिला मुख्यालय पर आम जन सुविधाओं का हाल बेहाल

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ना पानी, ना बिजली, और ना हो रही सफाई

सवाई माधोपुर 9 जून।जिला मुख्यालय पर इन दिनों गहराती जन समस्याओं के चलते आम जन का जीना दुश्वार हो रहा है। जिला मुख्यालय पर न लोगों को पीने के लिए पेयजल उपलब्ध हो पा रहा है। ना ही लोगों के घरों से कचरा संग्रहण का कार्य हो रहा है। तो वहीं बिजली की ट्रिपिंग की समस्या भी दिन रात बनी हुई है।
लोगों का कहना है कि जिला मुख्यालय पर अंधेर नगरी चैपट राजा वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। जहाँ स्थानीय विधायक डाॅ. किरोड़ी लाल मीणा केबीनेट मंत्री हैं और सरकार में उनका दबदबा भी है। वहीं जिला कलेक्टर भी प्रतिदिन बैठकें और निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं अधिकारियों को पानी बिजली उपलब्ध कराने, आदेश निर्देश जारी कर रहे हैं। लेकिन धरातल पर कोई व्यवस्था सुधरती नजर नहीं आ रही है। सोमवार को फिर बैठकों और समीक्षाओं का दौर होगा। उसके बाद सरकारी प्रेस नोट में निर्देष प्रसारित किये जायेगें।
लोगों ने बताया कि नगर परिषद की ओर से संचालित घर घर कचरा संग्रहण हेतु संचालित आॅटो टिपर के कई दिनों से बंद होने से घरों में कचरे का ढेर लग रहा है। वहीं काॅलोनियों में भी यहाँ वहाँ कचरे के ढेर नजर आने लगे हैं।
इसी प्रकार जिला प्रशासन के पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश एवं जलदाय विभाग कागजी खाना पूर्ति करता नजर आ रहे हैं। प्रशासनिक अमला जिला मुख्यालय पर लोगों को दो दिन में भी पेयजल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। जिला मुख्यालय पर लोगों को पिछले 25 से अधिक वर्षों से चम्बल के पानी का इन्तजार है। वहीं पहले जिला मुख्यालय पर बनास के पानी से ही पेयजल उपलब्ध होता था। वहीं पूर्व विधायकों दीयाकुमारी एवं दानिश अबरार के प्रयासों के बावजूद भी लोगों को अब बनास का पानी भी नहीं मिल पा रहा है।
वहीं नलकूपों के सहारे पानी उपलब्ध करा रहे जलदाय विभाग के सरकारी नलकूपों नलकूपों का पानी सूख चुका है। जबकि वहीं निजी टेंकरों से पानी की सप्लाई में कोई कमी नहीं है। प्रतिदिन टेंकरों के दाम बढ़ाये जा रहे हैं। लेकिन आम जन की मजबूरी है कि प्रशासन लोगों को गर्मी में पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। ऐसे में टेंकरों से पानी खरीदने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
पानी की समस्या से दूर दूर पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इस समस्या का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। जिनको दूर दूर से पानी लेकर आना होता है। वहीं एक जल स्रोत पर निर्भरता के कारण लोगों में आपसी लड़ाई झगड़ों की नौबत तक उत्पन्न हो रही है।
यही हाल अब बिजली का भी दिखाई दे रहा है। जिला मुख्यालय पर बिजली विभाग की महरबानी से दिन या रात कभी भी बिजली ट्रिप हो जाती है। कितनी बार लाईट जायेगी और कितनी देर यह कहना भी मुश्किल है।
लोगांे का कहना है कि प्रशासन की घोर लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
आम लोगों ने स्थानीय विधायक एवं केबीनेट मंत्री डाॅ. किरोड़ीलाल मीणा एवं जिला प्रशासन से जिला मुख्यालय पर पेयजल, बिजली एवं साफ सफाई की समस्या का समाधान कराने की मांग की है।


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