गांवों में लगा गंदगी का अंबार सफाई कर्मी ब्लॉक शंकरगढ़ कार्यालय में दिन भर करते हैं बाबू गीरी
प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। विकासखंड शंकरगढ़ के गांव में तैनात सफाई कर्मचारी अपने मूल दायित्वों से अलग हटकर अधिकारियों की खिदमत में जुटे रहते हैं। ब्लॉक कार्यालय के अलावा अधिकारियों के पास भी सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। विकासखंड में कई ऐसे सफाई कर्मी तैनात है जिन्हें सालों से ग्रामीणों ने देखा तक नहीं है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों ने सफाई कर्मियों पर कार्यवाही नहीं की सफाई कर्मी ब्लॉक में बैठकर बाबू गीरी कर रहे हैं। मजे की बात तो या है कि ब्लॉक कार्यालय पर बाकायदा बाबूओं की खिदमतगारी में चाय पानी नाश्ता करवाना और करने तक सीमित रहकर अपनी ड्यूटी मान रहे हैं।जबकि गांव में कूड़ों का ढेर लगा हुआ है,नालियां चोक हैं, सड़कों पर पानी बह रहा है जिससे क्षेत्र के कई गांव के लोग डेंगू और वायरल बुखार का शिकार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर मुहिम चलाई जा रही है इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भारी भरकम बजट भी खर्च किया गया है। लेकिन मूल रूप से सफाई का कार्य करने वाले ही अधिकारियों की सेवा में लगे हुए दिखाई दे रहे हैं। यह विडंबना ही है की सफाई कर्मी तो करीब करीब हर गांव में तैनात हैं। इसके बाद भी ग्रामीण कई महीने तक सफाई कर्मी को गांव में नहीं देख पाते हैं। ऐसा भी नहीं है की सफाई कर्मचारियों की ब्लॉक में संख्या कम है लेकिन बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारियों को निजी और विभागीय कार्यों के लिए कार्यालय में तैनात किया गया है। सूत्रों की माने तो कुछ सफाई कर्मचारी तो बाबुओं का काम भी देख रहे हैं वहीं कुछ अधिकारियों के पास अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विकास क्षेत्र की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मियों की तैनाती है फिर भी गांवों में गंदगी कायम है। ग्रामीणों की माने तो सफाई कर्मी ना आने की शिकायत ब्लॉक में दर्ज करायी जाती है फिर भी उनके कार्यों का पर्यवेक्षण नहीं किया जाता। इस बाबत एडीओ पंचायत शंकरगढ़ से जानकारी ली गई तो उनका कहना है कि इस विषय में उच्च अधिकारियों से जानकारी लीजिए की सफाई कर्मियों की ड्यूटी कहां और क्यों लगाई गई है मेरे संज्ञान में नहीं है। जब उनसे सफाई कर्मियों की तैनाती की सूची मांगी गई तो टालमटोल कर एक दूसरे की बगली झांकते हुए अपना पल्लू झड़ते नजर आए। ऐसे में सवालिया निशान खड़ा होता है कि अहम पद पर बैठे हुए एडीओ पंचायत शंकरगढ़ सफाई कर्मियों पर क्यों मेहरबान हैं यह अपने आप में एक बड़ा और अहम सवाल है।