प्रयागराज। शिव कुपुत्रो जायेत क्वचिदअपि कुमाता ना भवति। कहा गया है कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है मगर माता कुमाता नहीं हो सकती। जिसका जीता जागता उदाहरण विपरीत रूप में देखने को मिला। जनपद के यमुनानगर नगर पंचायत शंकरगढ़ वार्ड नंबर 10 के 4 साल का मासूम कान्हा की हत्या की सूचना लेकर अजय जब शंकरगढ़ थाने पहुंचा तो पुलिस भी मामले को सुनकर दंग रह गई। अजय ने पुलिस को बताया कि उसके मासूम पुत्र की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसकी दूसरी पत्नी गुड़िया ही कातिल है। शंकरगढ़ पुलिस जांच के लिए अजय के घर पहुंची तो देखा गया कि मासूम कान्हा का शव पड़ा हुआ था। कान्हा के शरीर पर चोट के कई निशान मौजूद थे। छोटे भाई की हत्या का चश्मादीद मृतक मासूम कान्हा का बड़ा भाई कृष्ण वहां पर मौजूद था। पूछताछ के दौरान कृष्णा ने बताया कि मेरी मां गुड़िया ने मुझे भी खूब मारा था उसके चेहरे पर भी काले निशान दिखाई पड़ रहे थे। वह हम दोनों भाइयों को रोज मारती थी हम लोग जब भी खाना या कुछ और चीज मांगते थे तो खीझ कर मारने पीटने लगती थी। जब मेरे पिताजी हस्तक्षेप करते थे तो पिता को भी मारती थी। और दहेज में फंसाने की बात करती थी जिससे चाह करके भी डर बस पिताजी कुछ नहीं कर पाते थे। दहेज उत्पीड़न में फसानें की धमकी से रिश्तेदारों ने भी दूरियां बना ली थी।