सवाई माधोपुर, 26 जून। देश में एक जुलाई से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रावधानों को आम लोगों तक पहुंचाने और विशेषकर महिलाओं और बच्चों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से बुधवार को जिला मजिस्ट्रेट डॉ. खुशाल यादव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित हुई।
बैठक में एमएसिटी जज पंकज नरूका, जिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, उप निदेशक अभियोजन मंजूलता दूबे उपस्थित रहे।
इस दौरान जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि सम्पूर्ण जिले में उपखण्ड स्तर पर संगोष्ठियों का आयोजन कर नवीन कानूनों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने उप निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क सवाई माधोपुर हेमन्त सिंह को नवीन कानूनों के हुए प्रमुख बदलाव के प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों के माध्यम से करने के निर्देश को प्रदान किए। उन्होंने बताया कि पीड़ित अब ई-रिपोर्ट भी दर्ज करवा सकता है, लेकिन तीन दिन में थाने जाकर ई-रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने होंगे। पीड़ित व्यक्ति अब किसी भी थाने में जीरो रिपोर्ट भी दे सकता है। उन्होंने बताया कि हत्या की धारा 302 के बजाय अब धारा 101, दुष्कर्म की धारा 376 के बजाय धारा 63, हत्या का प्रयास की धारा 307 के बजाय 109 कहलाएंगी।
उन्होंने बताया कि नए कानून में अगर कोई व्यक्ति बाहर रहता है और वहां से देश में वह कोई आपराधिक गतिविधियों का संचालन करता है तो उनके खिलाफ भी करवाई होगी। नए कानून में राजद्रोह को खत्म किया गया है और आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। नए कानून में राजद्रोह वाले प्वाइंट को हटाया गया है। हालांकि, सशस्त्र क्रांति, विध्वंसक गतिविधियों अलगाववादी कार्यों के कारण होने वाली लामबंदी को गम्भीर अपराध माना जाएगा।