सवाई माधोपुर 27 जून। जिले की पुलिस ने जिला मुख्यालय पर मोबाईल स्टोर से लाखों रूपये के मोबाईल फोन चोरी की वारदात का खुलासा करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय चोर गैंग घोड़ासहन (बिहार) के दो सदस्यों को गुड़गाव से दबोचने मे सफलता प्राप्त की है।
जिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि 30 मई की रात्रि को बजरिया स्थित रितेष जैन के मोबाईल स्टोर पुजारा टेलिकॉम से अज्ञात चोरो द्वारा विभिन्न कम्पनियों के करीब 40 लाख रूपये कीमत के 90 एन्ड्रोईड फोन तथा 1.7 लाख रूपये नकद चोरी करके ले गये थे। वारदात का खुलासा करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर विजय सिंह एवं वृताधिकारी हेमेर्न्द शर्मा के सुपरविजन मे थानाधिकारी राधारमन गुप्ता के नेतृत्व मे विभिन्न टीमों का गठन किया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा सीसीटीवी कैमरों एवं घोड़ासन जाकर उनके वीडियो के आधार पर एवं तकनिकी आधार पर पहचान की गई कि इस वारदात को घोडा़सहन गैंग द्वारा अंजाम दिया गया है। इस पर उनको पकड़ने के लिए तीन टीमों द्वारा लगातार बिहार चम्पारन, नई दिल्ली, गुडगांव में दबीष दी गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अजीत मोगा सहायक उप निरीक्षक को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर घोड़ासहन गैंग के दो बदमाषों राहुल जायसवाल पुत्र नमोनाथ प्रसाद जायसवाल एवं अनील कुमार यादव पुत्र लोरिक राय यादव निवासी घोड़ासहन जिला मोतीहारी पूर्वी चम्पारन बिहार को गुडगांव से दबोचने मे सफलता प्राप्त की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि वारदात से पहले 24 व 25 मई को गैंग के सदस्य मोबाईल स्टोर की रेकी के लिए सवाई माधोपुर आये। गैंग द्वारा लक्ष्य निधार्रित करने के उपरान्त चोरी के लिए ट्रेन से घटना की रात्रि को नई दिल्ली से सवाई माधोपुर आये और तड़के चार बजे दूकान के शटर काटकर मात्र 15-20 मिनट मे चोरी करके चले गये। वारदात के उपरान्त पुलिस को गुमराह करने के लिए दो भागो मे विभाजित हो गये और एक गैंग कोटा की तरफ और दूसरी गैंग नई दिल्ली की तरफ चली गई। प्रारम्भिक पूछताछ में आठ-नौ सदस्यों द्वारा इस वारदात को अंजाम दिया गया था। वारदात मे लिप्त अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने एवं मोबाईल बरामदगी के सार्थक प्रयास किये जा रहे है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घोड़ासन गैंग के तार उत्तर भारत मे जुडे़ हुए है और यह गैंग मोबाईल की दूकानों एवं शोरूम को निषाना बनाते है। खास बात यह है कि लाखो रूपये के मोबाईल चोरी करने वाले गैंग के सदस्य खुद कभी मोबाईल नही चलाते है, मोबाईल चलाते हे तो भी उसमे सिमकार्ड का प्रयोग कभी भी नही करते है। इसलिए पकड़ पाना हर बार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है।
मोबाईल स्टोर मे चोरी करने वाली गैंग के सभी आठ सदस्य घोडा़सहन के रहने वाले है। गैंग वारदात के समय बाईक एवं कार का प्रयोग कभी नही करता है। ट्रेन व रोडवेज बसों से सफर कर अलग-अलग राज्यों मे जाकर रैकी करते हैं। पांच से 10 दिन रैकी करने के बाद मंहगे मोबाईल वाली दुकान, षोरूम को चिन्ह्ति कर वारदात को अंजाम दिया जाता है। चोरी के समय दो युवक बाहर खडे़ होकर पर्दा पकड़कर खडें रहते है ताकि किसी को आभास न हो कि चोरी हो रही है।
घोड़ासहन गैंग की खास बात यह है कि चोरी के मोबाईल को नेपाल, बांगलादेष, वियतनाम, दुबई जैसे देषो मे बेच देते है। जिससे चोरों को पकड़ने के बाद माल की बरामदगी नही हो सके। चोरों को पुलिस का पता लगने पर नेपाल भाग जाते है क्योंकि बिहार के इस गांव की नेपाल से दूरी महज 10 किलोमीटर है। घोडा ़सहन गिरोह के परिवारों में चोरी की वारदातों को अपराध नहीं माना जाता है। ये इसे काम कहकर बुलाते हैं और पेषे की पूजा करते है। घोड़ासहन गैंग को चादर गिरोह भी कहा जाता हैं इन सभी सदस्यों के मकान सफेद रंग के हैं। आपस मे सभी सदस्यों की गहरी दोस्ती होती है। एक की गिरफ्तारी के बाद दूसरे साथी तत्काल जमानत की प्रकिया मे जुट जाते हैं।
बिहार के मोतिहारी जिले का घोड़ासहन थाना चोरी लूट डकैती की वारदात करने वाले बदमाषों के लिए बदनाम है। यहां दस साल के बच्चे से 50 साल की उम्र तक वयस्क को अपराध का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस गिरोह के लिए आरोपियों को चोरी का माल बेचने के लिए नेपाल बहुत आसान जगह है। गैंग के सदस्य अलवर, नागौर, करनाल हरियाणा, केरल, नोयडा, नई दिल्ली में वारदात कर चुके हैं।
आरोपियों को पकड़ने वाली टीम में राधारमन गुप्ता थानाधिकारी थाना मानटाउन के सुपरविजन में जगदीष सिंह उप निरीक्षक, थाना मानटाउन, अनुसंधान अधिकारी अजीत मोगा स0उ0नि0, धर्मेन्द्र चौधरी हैड कानि, महेन्द्र कानि, राजकुमार एवं महेन्द्र हैड कानि सायबर सेल शामिल रहे।