प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर के थाना क्षेत्र घूरपुर, बारा, शंकरगढ़, लालापुर में अब सवारियों के परिवहन में भी ट्रैक्टर ट्राली का धड़ल्ले से उपयोग होने लगा है। वर्ष 2022 में जुलाई माह में बख्शी का तालाब में 10 और कानपुर में ट्रैक्टर ट्राली पलटने से 26 लोगों के मौत की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद भी सड़क पर बिना लाइसेंस व फिटनेस के ट्रैक्टर ट्रालियां दौड़ लगा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील भी बे असर साबित हो रही है। लगातार हो रहे हादसों के बाद भी परिवहन विभाग सबक नहीं ले रहा है। इसी तरह अभी हाल में 25 फरवरी को एटा जिले के नगला कशा गांव से गंगा स्नान के लिए ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर कासगंज जिले के पटियाली इलाके में जा रहे 23 श्रद्धालुओं की सड़क हादसे में मौत हो गई थी जिनमें 10 लोग एक ही परिवार के थे। बता दें कि क्षेत्र के अमिलिया तरहार मां मसूरिया धाम मेला में भक्तों का रेला लगा हुआ रहता है। मां के धाम में पहुंचने वाले अधिकतर श्रद्धालु ट्रैक्टर ट्राली का सहारा लेकर पहुंचते हैं।आलम यह है कि ट्रैक्टर ट्राली व छोटा हाथी डग्गामार वाहन में सैकड़ो सवारी भरकर के जाते हैं। मगर जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति से जुर्माना तो दूर सवारी ढो रहे इन डग्गामार वाहनों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे लगातार हादसों में बढ़ोतरी हो रही है। गौरतलब है कि ईंट भट्ठा मालिकों एवं भवन निर्माण सामग्री विक्रेताओं द्वारा धड़ल्ले से बेरोक टोक ट्रैक्टर ट्रालियों का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। अगर बीते वर्षों में घटी घटनाओं का गौर किया जाए तो इनसे हुई दुर्घटनाओं में अब तक लगभग सैकड़ों लोगों की जानें भी जा चुकी है।
कम खर्च के नाते ट्रैक्टर ग्रामीणों की पहली पसंद
गांवों में धार्मिक आयोजन, मेले मंदिरों में पूजन आदि के लिए ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रालियों से आते जाते हैं। कम खर्चे में अधिक लोगों को मंजिल तक पहुंचाने में यह साधन मददगार तो है लेकिन दुर्घटना को लेकर कोई सचेत नहीं है।
ट्रैक्टर ट्राली में सवारी ढोना गैर कानूनी
वहीं जानकारों का कहना है कि ट्रैक्टर ट्रालियों या मालवाहक वाहन से सवारी ढोना गैर कानूनी है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। ट्रैक्टर व डग्गामार वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए।