प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर नगर पंचायत शंकरगढ़ में गठन के बाद भी कई वार्ड के लोगों को पानी नाली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है। वार्ड पार्षदों द्वारा मूलभूत सुविधाओं को लेकर आवाज उठाई जाती रही है परंतु नगर पंचायत प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा। वार्ड के लोग आज भी सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं। वार्ड वासियों का कहना है कि नगर पंचायत को सभी प्रकार के टैक्स दिए जा रहे हैं परंतु सुविधा नहीं मिल रही है। इस संबंध में वार्ड पार्षदों का कहना है कि वार्ड के समस्या को लेकर सदन के पटल पर रखा जाता है परंतु पार्षदों के बातों और समस्याओं को भी सुना नहीं जा रहा है। अधिकतर पार्षद जिम्मेदारों की इस अड़ियल रवैया से परेशान हैं। जिससे आम जनों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। नगर पंचायत शंकरगढ़ सिर्फ नाम की नगर पंचायत है यहां शहरी क्षेत्र जैसी कोई भी सुविधा नहीं है। गंदगी के अंबार से इस कस्बे की सूरत बिगड़ गई है मुख्य सड़क से लेकर गली बाजार चारों ओर कूड़े कचरे का ढेर है। बताते चलें कि जिस तरह से लोगों ने उस समय निर्दलीय प्रत्याशी पार्वती कोटार्य को जी तोड़ मेहनत कर अध्यक्ष पद पर आसीन करवाया उसका कोई भी फायदा नगर वासियों को मिलता नहीं दिख रहा है। लोगों में आस जगी थी कि अध्यक्ष बनने के बाद नगर के हालात बदलेंगे लेकिन हालात समय के साथ बद से बदतर हो गए हैं। लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि छेदीलाल कोटार्य का पहले जैसा लोगों के प्रति वह बर्ताव अब नहीं दिख रहा है।अब इनके अंदर एक खास तरह का रुतबा दिखने लगा है क्योंकि अब वह स्कूटर छोड़कर सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थाम चुके हैं। वही संविदा कर्मियों का जिम्मेदारों के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिल रही है कि संविदा कर्मियों को अंदर बाहर करवाना उनके बाएं हाथ का खेल बन गया है। कुछ लोगों ने नाम न छापने के शर्त पर कहा कि जो नगर पंचायत में नई संविदा भर्ती की गई है उसमें ज्यादातर चेयरमैन के चहेते और रिश्तेदारों को रखा गया है। लोगों का मानना है कि इससे अच्छा कार्यकाल तो पूर्व में लल्लू कनौजिया का रहा है। खैर आने वाला 4 साल का वक्त बताएगा कि वर्तमान अध्यक्षा जनता के उम्मीद पर कितनी खरी उतरती हैं। फिलहाल जिस तरह के हालात बन रहे हैं उससे अंदाजा लगाना सहज हो रहा है कि नगर पंचायत की कुर्सी इनसे संभालेगी।वही नगर वासियों का कहना है कि जब पार्वती कोटार्य अब सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थाम चुकी है और नगरवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है और जिम्मेदारों के सिर पर जूं तक नहीं रेंग रही है।