समाजसेवी ने दाखिल की थी पीआईएल इलाहाबाद हाई कोर्ट की दखल के बावजूद नहीं हटाया गया कब्जा
प्रयागराज। सरकारी भूमि पर आम आदमी के कब्जे के बहुत से मामले आपने सुने होंगे और देखे भी होंगे, पर बारा तहसील क्षेत्र में जेके सीमेंट कंपनी ने सरकारी भूमि पर ही कब्जा कर निर्माण शुरू कर कंपनी का संचालन कर प्रोडक्शन भी चालू कर दिया है। यह कब्जा चकमार्ग व नाली की भूमि से जुड़ा है।मामले की जानकारी होने पर बेनीपुर निवासी समाजसेवी राजू विश्वकर्मा के द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई। राजू की पीआईएल पर उच्च न्यालय उभयपक्षों को सुनने के बाद बारा राजस्व विभाग को मामले का निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया था। उच्च न्यायालय ने यह आदेश 27 मई, 2024 को दिया था। राजू विश्वकर्मा का आरोप है कि उच्च न्यायालय के आदेश को लगभग डेढ़ माह बीतने जा रहे हैं, बावजूद इसके अभी तक सरकारी भूमि पर किया गया कब्जा हटाया नहीं गया है। राजू विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने बीते छह जून को उपजिलाधिकारी बारा को एक प्रार्थनापत्र भी दिया था, जिसमें गुहार लगाई थी कि बारा तहसील के मौजा लेदर में चकमार्ग, नाली पर किए गए कब्जे को अविलंब हटाया जाना सुनिश्चित किया जाए।शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम बेनीपुर के रहने वाले राजू विश्वकर्मा का आरोप है कि हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद तहसीलदार बारा उन के द्वारा नाली, चकमार्ग, चकरोड आदि पर किए गए कब्जे का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। नाली और चकमार्ग आदि पर कब्जा किए जाने से ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राजू विश्वकर्मा के द्वारा उठाए गए इस मसले से यह साफ है कि सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने के मामले में निजी कंपनियां भी पीछे नहीं रहती हैं।