सवाई माधोपुर 21 जुलाई। अखिल विष्व गायत्री परिवार द्वारा गायत्री षक्तिपीठ पर गुरुपूर्णिमा उत्सव बडी धूम धाम व उत्साह पूर्वक मनाया गया।
20 जुलाई को प्रातः 6 से सायम 6 बजे तक गायत्री मंत्र का अखण्ड जप किया गया। 21 जुलाई को प्रातः 9बजे से 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न हुआ जिसमे गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र सजल प्रज्ञा, सजल श्रद्धा, नवगृहमंत्र आदि मंत्रो की आहुति यज्ञ भगवान को समर्पित की गई। विष्णु माथुर व सुरेषचन्द गर्ग ने यज्ञीय कर्मकांड संपन्न कराया। ततपष्चात दोपहर 12 बजे प्रवचन हाल में गुरु वन्दना व प्रज्ञागीत के साथ युग ऋषि तपोनिष्ठ, गायत्री परिवार के संस्थापक परम पुज्य गुरुदेव प0श्रीराम षर्मा आचार्य व वन्दनीय माताजी का भावभरा आव्हान व पूजन किया गया। गायत्री परिवार के।संरक्षक हरिमोहन षर्मा ने कहा कि इक्कीसवी सदी उज्वल भविष्य के उदघोषक, युग निर्माण योजना के विस्तारक युग द्रष्टा परम पुज्य गुरुदेव पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य, इस युग के महान दर्षक रहे है। उनके संपर्क मे जो भी आया जीवन धन्य बनाता चला गया।उनके अनुदान जनजन पर बरसते रहे जिनकी गणना असंभव कार्य है।आचार्यजी का जन्म आष्विन कृष्ण त्रयोदषी को आंवलखेडा जिला आगरा मेे एक ब्रहामण परिवार मे हुआ 10 साल की आयु मे पं0 मदनमोहन मालवीयजी से गायत्री मंत्र दीक्षा ली। 15 वर्ष का आयु मे अपने साधना कक्ष मे प्रकाष ज्योति के मध्य अपनी गुरु सत्ता के दर्षन हुए जिनके निर्देष से उन्होने 24 साल तक 24-24 लाख के 24 पुरुष्चरण संपन्न किये। साधना काल मे गाय को खिलाये जौ गोबर से छानकर, जौ की रोटी गाय के साथ खायी। 1953 मे गायत्री तपोभूमि मथुरा व 1971 मे महर्षि विष्वामित्री की तपस्थली हरिद्वार मे गायत्री तीर्थ षांतिकुंज की स्थापना की। ऋषि परम्पराओ की पुर्नस्थाना की। यदि गुरुदेव श्रीरामषर्मा आचार्य न होते तो गायत्री मंत्र लोप हो गया होता, गृहे गृहे यज्ञ अभियान न चलता, षांतिकुंज नही होता, गायत्री षक्तिपीठ नहीं होती, विष्वभर मे गायत्री उपासन व यज्ञ नहीं पहुंचते। गायत्री उपासना ओर यज्ञ से देष विदेष के करोडो लोग अनुप्राणित हो रहे है, उनके जीवन मे पवित्रता प्रखरता का संचार होरहा है।यह परम पुज्य गुरुदेव पं0 श्रीराम षर्मा की देन है।
गायत्री महायज्ञ के दौरान करीब 125 लोगो ने गुरु दीक्षा ली। नृसिहलाल नामा व हरिमोहन षर्मा ने गुरु दीक्षा कार्यक्रम संपन्न कराया। मुख्य ट्रस्टी मनमोहन गोयल, जिला समन्वयक बदरीलाल गौतम, नृसिहलाल नामा, व्याख्यात राजेन्द्र षर्मा, राधामोहन षर्मा, घनष्याम गुप्ता, दिलीप चोरसिया, श्रीमती इन्द्राषर्मा, कृष्णा षर्मा दीपषिखा रामजीलाल साहू राधेष्याम गोयल, राजू जोषी, राम किषन मीना, रघुवीर षर्मा आदि ने गुरु पूर्णिमा व गुरु महिमा पर अपने विचार व्यक्त किए। अन्त मे सभी ने गुरुदेव को मंत्र पुष्पांजलि अर्पित की व षान्तिपाठ के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ व सभी लोगो ने गुरुपुर्णिमा की प्रसादी ग्रहण की।