बांसवाड़ा| श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बडोदिया में वीर शासन जयन्ति मनाई। प्रात:श्रीजी का जलाभिषेक व शांतिधारा आर्यिका संघ के सानिध्य में संपन्न हुई । जिसके उपरांत आयोजित धर्म सभा में आर्यिका विज्ञानमति माताजी की शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी ने कहा कि कल इंद्रभूती गौतम गणधर स्वामी को भगवान महावीर स्वामी की शरण प्राप्त हुई जो दिन जैन धर्म में गुरु पूर्णिमा नाम से प्रख्यात हुआ। भगवान महावीर स्वामी को केवलज्ञान के उपरांत शिष्य की प्राप्ती नहीं हुई जिससे भगवान के समवशरण में गणधर परमेष्ठी अर्थात मुख्य शिष्य की अनुपस्थिति थी । उन्होंने कहा कि तीर्थंकर का जब समवशरण लगता है तब मुख्य शिष्य के द्वारा ही भगवान की वाणी को विस्तारित कर जाता है पर जैसे ही मुख्य शिष्य की प्राप्ति गुरु पूर्णिमा पर हुई तभी भगवान की वाणी खिरने लगी 66 दिन बाद जब भगवान की वाणी निकली सुनिए सोचिए तब लोगों को उसे सुनकर कितना हर्ष हुआ होगा और आज जैन धर्म में जितना भी ज्ञान है वह भगवान महावीर स्वामी का ही दिया हुआ ज्ञान है । इस दौरान आर्यिका उदित मति माताजी व आर्यिका रजतमति माताजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया।कलश लेने वालो की लगी होड- चातुर्मास समिति अध्यक्ष केसरीमल खोडणिया व आशिष भैया तलाटी ने बताया कि आर्यिका संघ के सानिध्य में मुख्य मंदिर में विधि विधान अनुसार कलशो को स्थापित किया गया तथा सुधासागर कलशो के प्राप्त करने की ऐसी होड लगी कि एक घर में दो से तीन कलश लेकर श्रद्धालुओं ने अपनी भक्ति जताई । तथा हर वर्ग का श्रद्धालु इन कलशो को लेकर चातुर्मास को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है ।