डीग |डीग बृज अंचल में गुरू पूर्णिमा मेला समाप्त हो गया है लेकिन भक्त व श्रद्धालु भक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं जहाँ परिक्रमार्थियों का गिर्राज जी के प्रति भक्ति व श्रद्धा का उत्साह देखते ही बनता है जहाँ स्थानीय लोगों के साथ ही दूर दराज इलाकों से गोवर्धन आकर परिक्रमार्थी दिन रात गिर्राज ज़ी की तलहटी में परिक्रमा लगाने पहुँच रहे हैं ! गोवर्धन गिर्राज महाराज की परिक्रमा लगाने के पीछे पौराणिक व शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार द्वापर युग में इंद्रदेव के कोप से बचाने के लिये भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर धारण कर बृजवासियों को बचाया था उसके पश्चात् श्री कृष्ण भगवान द्वारा अपने आराध्य देव गोवर्धन नाथ की ग्वाल बालों के साथ पूजा कर सर्वप्रथम गिर्राज पर्वत की परिक्रमा लगाई थी और बृज में सभी बृजवासियों ने गिर्राज जी को अपना आराध्य और इष्टदेव मानकर पूजा और परिक्रमा की आरम्भ की ! वहीं द्वापर युग से गोवर्धन गिर्राज जी की परिक्रमा लगाने की ये परम्परा चली आ रही है वहीं श्रीनाथ जी गिर्राज महाराज अपने सच्चे भक्तों को मन वांछित फल भी देते हैं !