बांसवाड़ा|छोटी सरवन ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय,खूंटड़िया में कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर विद्यार्थियों एवं अध्यापकों ने कारगिल युद्ध मे शहीद हुए माँ भारती के वीर सपूतों को दो मिनट का सामूहिक मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था प्रधान वनेश्वर गर्ग ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने नापाक चाल चलते हुए कश्मीर और लद्दाख के बीच लिंक तोड़ने और अशांति पैदा करने के लिए, उत्तरी कारगिल में नियंत्रण रेखा एलओसी के भारतीय इलाके में घुसपैठ की और ऊंची पहाड़ी के चोटियों पर कब्जा कर लिया।जब भारत को मई 1999 में घुसपैठ का पता चला, तो भारतीय सेना को ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू करना पड़ा और कारगिल युद्ध हुआ। यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और एलओसी पर मई से जुलाई 1999 में लगभग 84 दिनों तक दुर्गम पहाड़ी इलाके में भीषण युद्ध चला। ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत भारतीय सेना पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने में कामयाब रही और टाइगर हिल और दूसरे रणनीतिक ठिकानों पर 26 जुलाई ,1999 को सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया।युद्ध में भारत की जीत, भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। अध्यापक गोविंदलाल निनामा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल विजय दिवस का आयोजन राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का भी एक सशक्त प्रतीक है। कारगिल युद्ध ने भारत के सभी कोनों से लोगों को सेना के समर्थन में एकजुट किया। सोहनलाल मईड़ा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध की बहादुरी और वीरता की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं, उनमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना पैदा करती हैं। कारगिल विजय दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि शहीदों के बलिदानों को सदैव याद रखा जाए।कार्यक्रम में जगदीश चरपोटा,विकास भगोरा,पवन कुमार कतीजा,कैलाश पाटीदार, सहित ग्रामीण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।