बारा में पावर प्लांट की जहरीली राखड़ ग्रामीणों के लिए बन रही काल जिम्मेदार मौन

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सम्बंधित विभाग जानकर बन रहा अनजान लोगों की जिंदगी के साथ कर रहा खिलवाड़

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर बारा पावर प्लांट से निकलने वाली राखड़ अब आसपास के गांव वालों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।बारा क्षेत्र के ग्राम ललई व शंकरगढ के लखनपुर गांव में जल स्रोत खदानों में राखड़ को अवैध तरीके से गिराकर डम्प करने को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।आप को बता दें कि सम्बंधित विभाग द्वारा कभी भी जल स्रोत खदानों में राखड़ गिरकर डम्प करने का परमिट योग्य नहीं है क्यों की इन जल स्रोत खदानों में राखड़ को गिराकर डम्प करने से आसपास के कई इलाकों में भी जल स्रोत नष्ट हो जाता है और आसपास के नलकूपों से पानी की जगह राखड़ निकलने लगता है। जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है।इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की।लेकिन पावर प्लांट के ठेकेदारों से चंद रुपए पा जाने की बजह से, कोई सुनने वाला नहीं है।बता दे की बारा क्षेत्र के मिश्रा पुरवा में 1980 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगा हुआ है।यहां बिजली उत्पादन के लिए कोयले की भारी खपत की जाती है, कोयले से निकलने वाली राख की डंपिंग के लिए कंपनी के अंदर तालाब बनाया गया है।सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय पर तालाब भर गया है ,जिससे राखड़ को बाहर निकाला जा रहा है । कंपनी से राखड़ निकालने का काम एक कंपनी को दिया गया है कंपनी बारा क्षेत्र के ललई व शंकरगढ के लखनपुर गांव में भारी जल स्रोत खदानों में राखड़ गिरा रही है।ग्रामीणों के अनुसार कुछ जल स्रोत खदान राखड़ से पट जाने के कारण बिना अनुमति के ही अगल – बगल समतल जमीनों पर अवैध तरीके से काफी ऊंचाइयों पर राखड़ डंपिंग कर रहे हैं , ऐसा काफी दिनों से चल रहा है । इससे राखड़ हवा में उड़कर लोगों के घर तक पहुंच रही है , इस वजह से लोग सांस संबंधी व अन्य बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं । लोगों के मुताबिक बारा व शंकरगढ़ के कई गांवों में गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने इसकी शिकायत मंडला आयुक्त प्रयागराज व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करने की बात कही है।


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