बडोदिया में उपसर्ग हर रक्षा बंधन विधान कुल 700 अर्घ्य चढाएं

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हनुमान जैसे भक्त बनकर धर्मरक्षक बनो-आर्यिका सुयशमति माताजी

कुशलगढ, बांसवाड़ा।अरुण जोशी। बडोदिया में आर्यिका विज्ञानमति माताजी की परम शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी ने कहा कि कभी ये मत सोचना की भगवान और गुरू हमारी रक्षा करेंगे । बल्कि यह सोचना कि जब भी धर्म तीर्थ क्षेत्र व गुरू पर उपसर्ग आता है तो हनुमान जैसे भक्त बनकर हम अपने आराध्य की रक्षा करने में आगे आएगें । यह विचार आर्यिका ने श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित उपसर्ग हर रक्षा बंधन विधान के अंतिम दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यंक्त किए । आर्यिका उदितमति माताजी ने कहा कि जैन धर्म के इतिहास में सात सौ मुनियो पर उपसर्ग हुआ तथा उन उपसर्ग को विष्णु्कुमार महामुनि ने पार किया यही उपसर्ग विजेता बनने पर विधान का आयोजन किया जा रहा है।

आर्यिका रजतमति माताजी ने कहा कि तुम्हांरे साधु संत सुरक्षित रहेंगे,तीर्थ सुरक्षित रहेंगे तो जिन धर्म पंचमकाल के अंत तक निर्बाध रूप से चलता रहेगा और संत और तीर्थ असुरक्षित हो गए तो धर्म का प्रभाव कम हो जाएगा उस दिन एक मानव दुसरे मानव का नाश करने में लग जाएगा । इसलिए साधु संत व तीर्थ सुरक्षा में सदैव तत्पर रहकर अपना श्रावक धर्म निभाएं।विधान में मुख्य कलश स्थापनाकर्ता कमलेश दोसी पुत्र हिरालाल दोसी व धनपाल खोडणिया पुत्र मिठालाल खोडणिया रमेश चंद्र चौखलिया गेबीलाल चोखलिया राजेश तलाटी पुत्र रमणलाल तलाटी अल्पेश खोडणिया पुत्र केसरीमल खोडणिया ये सभी चार आराधना कलश स्थापनाकर्ता परिवार व यज्ञ नायक मितेश जैन व अनुप जैन परिवार सभी ने मिलकर विधान के अंतिम दिन 200 अर्घ्य के साथ तीन दिन में कुल 700 अर्घ्य चढाएं । सोमवार को 11वें तीर्थंकर भगवान श्रेयोनाथ के मोक्ष कल्याणक पर आर्यिका संघ के सानिध्य में निर्वाण लाडु चढाया जाएगा।


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