बांसवाड़ा| जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रोजेक्ट ठेकेदार द्वारा हर घर नल कनेक्शन देने के नाम पर गांवों में हर गली ,मोहल्लो में उनके द्वारा खुदाई करके सड़के तोड़ दी गई परंतु साल भर गुजरने को आया कहीं पर भी कोई जिम्मेदार अफसर के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा बरसात के दिनों में बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए उबड़-खाबड़ जमीन कर देने के बाद जो गड्ढे पड़ गए हैं जिसमें पानी भरा रहने से मौसमी बीमारियों से लोग परेशान हो रहे हैं एवं दुर्गंध फेल रहीं हैं मोहल्ले में रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है घर के सामने ही बड़े-बड़े खड़े होने से मच्छरों का डेरा जमा हो गया है कई बार अवगत करवाने पर भी उनके द्वारा किसी भी प्रकार से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। केवल आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है इनके द्वारा पूर्व में भी हर मोहल्ले के बाहर हर गांव में नल लगाए गए विभाग के द्वारा ध्यान नहीं देने पर आप देख सकते कि उनकी हालत किसी प्रकार से कि वहां पर आज भी कोई पानी भरता है या नहीं इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते वहां पर बहुत सारी गंदगी पसली पड़ी है। इनके काम की धीमी गति का अंदाजा हम इस बात से ही लगा सकते हैं कि एक मोहल्ले में एक दिन एक घर में नल लगाएंगे तो 10 दिन बाद बाद दूसरे घर में लगाने के लिए जाते हैं और हर रोज नंही आते हैं।इनके ऊपर किसका नियंत्रण है वह भी आज तक पता नहीं चला आखिरकार सरकार की मंशा यह थी कि हर घर स्वच्छ जल पीने को उपलब्ध हो परंतु आज तक किसी को यह जल उपलब्ध हो ही नहीं पाया और समस्या पैदा कर दी इनके द्वारा सावन के पवित्र महीने में गांव बड़ोदिया में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर तक जाने वाली सड़क को भी इनके द्वारा खोद दिया गया परंतु आज तक वहां पर भी सही नहीं किया गया। दबी जुबान से भी गांवों के लोग अब किसी की शिकायत भी नहीं करते हैं वह जानते हैं कि अगर मुख्यमंत्री कार्यालय या टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत करेंगे तो मैसेज घूम फिर कर उसी विभाग में और जिसकी शिकायत की है उसके पास ही आ जाता है।लोगों का कहना है की शिकायत करने के पश्चात अगर कार्यालय में सीधा जुड़ाव या मुख्यमंत्री कार्यालय से इसमें जवाब मांगा जाता तो भी जिम्मेदारी बनती है जवाब देने की। पूर्व में जो प्रोजेक्ट ठेकेदार द्वारा टकिया बनाई गई है एवं जो नल लगाए गए हैं उनकी भी बहुत ही बुरी दूर्दशा है वहां पर ना तो नल है ना ही अच्छा पाने लायक पानी चारों तरफ गंदगी का अंबार भरा पड़ा है।कमलेश बुनकर के द्वारा बताया कि अधिकांश बार प्रोजेक्ट के ठेकेदार एवं विभाग के कार्मिकों को दूरभाष के माध्यम से एवं व्हाट्सएप से फोटो भेज कर भी समस्याओं के बारे में अवगत करवाया परंतु बस यही जवाब आता की बहुत जल्दी काम हो रहा है हो जाएगा परंतु आप धरातल स्थल पर आकर देख सकते हैं कि लोगों के सामने किस प्रकार की परेशानियां है चलना एवं रहना दुभर है इसी के साथ बिमारियों का खतरा। इस छात्रावास रोड से प्रतिदिन 700 से 800 विद्यार्थियों आना-जाना होता है क्योंकि बालक एवं बालिका छात्रावास दोनों इसी रोड पर है इनकी जिम्मेदारी बनती है कि काम की गती लाई जाए और जल्दी से जल्द कार्य को किया जाए। ये जानकारी कमलेश बुनकर ने दी।