खण्डार 22 अगस्त। अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण संघर्ष समिति खंडार की ओर से 21 अगस्त को भारत बंद के समर्थन में खंडार बंद किया गया। साथ ही आक्रोश रैली निकालते हुए उपखंड अधिकारी खंडार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।
संघर्ष समिति के तहसील संयोजक दिनेश कुमार बैरवा पीएलवी एवं आदिवासी सेवा संस्थान के बनवारी लाल मीणा ने बताया कि हजारों वर्षों से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के साथ हुए भेदभाव छुआछूत अमानवीय व्यवहार, अत्याचार की वजह से अत्यधिक पिछड़ने के कारण इन वर्गों को सामाजिक मुख्य धारा में लाने के लिए भारत के संविधान निर्माताओं ने संविधान के अनुच्छेद 12, 14, 15, 16, 17, 46, 330, 332, 335, 341 एवं 342 इत्यादि का प्रावधान कर इन वर्गों को राज्य की सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का अधिकार दिया है। लेकिन इन अधिकारों को समय-समय पर न्यायालय के माध्यम से निष्प्रभावी करने की कोशिश की है। जिसके कारण संविधान में 77वॉ, 81वॉ, 82वॉ एवं 85वॉ संशोधन किए गए हैं। इसका नवीनतम उदाहरण माननीय उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा 1 अगस्त 2024 को दिया गया निर्णय है।