कुशलगढ| मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय कुशलगढ़ में शिक्षक सम्मान समारोह विधायक रमिला हुरतिंग खडिया के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि ने कहा कि शिक्षक समाज की मुख्य धुरी है। शिक्षा व शिक्षक के बिना समाज अधूरा है। शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें व शिक्षार्थी एकाग्रता से अध्ययन करते हुए सदैव शिक्षकों का सम्मान करें। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर बनय सिंह ने बदलते सामाजिक परिवेश में शिक्षक की भूमिका विषय पर वार्ता प्रस्तुत करते हुए कहा कि बदलता सामाजिक परिदृश्य में शिक्षक की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। बदलते तकनीकी युग एवं न्यूक्लियर फैमिली कल्चर में शिक्षकों को विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और सांस्कृतिक मूल्यों के बीजारोपण में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। किन्तु शिक्षक हर परिस्थिति से लड़ना और उसको पार करना सिखाता है। शिक्षक ही सामाजिक चिन्तन की परिधि में शुद्धता का संचार कर विद्यार्थियों के मानस पटल पर बाह्य दूषित आवरण को परिमार्जित करता है। प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने कहा कि महाविद्यालय के पूर्व छात्र जो वर्तमान में शिक्षक के रूप में कर्तव्य निर्वहन कर रहे हैं। उन्हें शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया गया।जिससे विद्यार्थी प्रेरणा प्राप्त कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। महाविद्यालय के पूर्व छात्रों में राकेश देवदा, वालसिंह वडखिया, दला डामोर, शंभूसिंह डामोर, प्रेमसिंह कटारा, निर्मल कुमार डामोर,डाॅ प्रेमचंद डाबी व प्रतिध्वनि संस्थान कुशलगढ़ के ट्रेनर शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सहायक मोहित चुहाडिया, कन्हैयालाल खांट, डाॅ कमलेश कुमार मीना,नरेन्द्र कुमार, माखनसिंह मीना, हिमांशु शाण्डिल्य, प्रविन्द्र कुमार,डाॅ कविता,डाॅ भावना उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।