जयपुर 8 सितम्बर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में जयपुर में आने वाले पर्यटकों के प्रवास को और अधिक खुशनुमा और सुविधा पूर्ण बनाने के लिए यहां की विरासत को कायम रखते हुए विकास कार्यों को किये जाने और पर्यटकों को होने वाली असुविधाओं के निराकरण के सम्बन्ध में शनिवार को सचिवालय में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास वैभव गालरिया, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय, शासन सचिव पर्यटन रवि जैन, जेडीसी आनंदी, जयपुर जिला कलेक्टर जीतेन्द्र कुमार सोनी, नगर निगम हेरिटेज के आयुक्त अभिषेक सुराणा और, पुलिस अतिरिक्त उपायुक्त यातायात सागर, अतिरिक्त निदेशक पर्यटन राकेश शर्मा, उपनिदेशक पर्यटन उपेन्द्र सिंह शेखावत उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया कि जयपुर में बड़ी संख्या में पर्यटकों का आगमन होता है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को लिए बेहतर सुविधायें विकसित हो इसके लिए कार्य किया जाना है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में चार दिवारी शहर के हेरिटेज संरक्षण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि शहर में कई स्थानों पर कचरा पांइट बने हुए हैं जहां पर गंदगी देखने में आती हैं, इन कचरा प्लाइंट का समाधान किया जाना चाहिए। शहर की क्षतिग्रस्त लाइटों की मरम्मत की जाए इसके साथ ही हेरिटेज शैली से भवनों एवं बाजारों में की गई रौशनी (इल्युमिनेशन) मरम्मत और उनका सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित हो। डस्टबिन लगाने का कार्य किया जाए एवं शहर का विरुपन करने वाले पोस्टर बैनर हटाये जाए।
उपमुख्यमंत्री ने चारदीवारी में बेतरतीब यातायात को एक बड़ी चिंता का विषय बताते हुए इसके समाधान पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यातायात को सुगम बनाने के उपाय किए जाए। कुछ पार्किंग पाइंट निर्धारित कर वहां नियमित पार्किंग सुनिश्चित हो। रामबाग में बनी पार्किंग में व्यापारी और आगन्तुक दोनों ही वाहन पार्क कर परकोटे के यातायात को सुव्यवस्थित बनाने में सहयोग प्रदान करें। इस हेतु आवश्यक उपाय किए जाए। उन्होंने अधिकारियों को परकोटे में इलेट्रिक बसे चलाने तथा ईरिक्शा को भी योजनागत व्यवस्थित रूप से संचालित किये जाने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा क परकोटा के हेरिटेज का मूल गुलाबी रंग कायम रहें। अस्त-व्यस्त तरह से लटके हुए तार शहर की खूबसूरती को खराब कर रहे हैं इन्हें हटाया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे चारदीवारी क्षेत्र में विद्युतीकरण भूमिगत किया जाए अथवा एकीकृत भूमिगत लाइन विकसित की जाए, जिससे इस समस्या का स्थाई समाधान सुनिश्चित हो सके।
दिया कुमारी ने कहा कि विरासत संग्रहालय (राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट) को इस तरह विकसित किया जाए। जिससे कि यहां पर कलाकार और शिल्पी अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर सके और वे अपने उत्पादों का विक्रय भी कर सके।
बैठक में जल महल की पाल के सौंदर्यकरण, मानसागर झील में वाटर लेजेर शो तथा वहां बोटिंग की संभावनाओं पर चर्चा की गई। साथ ही आमेर मावठा पार्किंग समस्या के निराकरण पर भी चर्चा की गई।