डीएपी खाद को लेकर चिंतित, जमाखोर और कालाबाजारी विक्रेताओं पर रखी जाएगी नजर, जिले में होगी सरसों की बंपर बुवाई सरसों को आवश्यकता 18 टन डीएपी
नदबई, भरतपुर जिले में अच्छी वर्षा होने से किसान खुश है और इस बार जिले में सरसों की बंपर बुवाई होने का अनुमान है। सरसों की बुवाई ,खाद एव बीज खरीदने की तैयारी में किसान जुट चुका है
। जिन किसानों ने खेत सावट रखे हैं। उन सभी खेतों में सितंबर माह के द्वितीय पखवाड़े में तापमान व जलवायु अनुकूल व मौसम साफ होते ही बुवाई शुरू हो जाएगी एव बुवाई करने से पहले खेत तैयारी को जुताई,मैज,खाद डलाई आदि कार्य शुरू हो जाएंगे और किसान बाजार में डीएपी खाद, दवा,उन्नत किस्म सरसों बीज आदि खरीदने में व्यस्त है। खाद बीज विक्रेताओं की दुकान पर किसान नजर आने लगे हैं। बाजार में डीएपी उपलब्ध नहीं हो रहा।डीएपी की जमाखोरी
,कालाबाजारी,किल्लत से किसान अभी चिंतित नजर आ रहा है और डीएपी 1350 रु के स्थान पर 14 सौ रु से 15 सौ रु में खरीदने को मजबूर हो गए। अभी से डीएपी की किल्लत और कालाबाजारी की भनक लगता ही कृषि विभाग ने जामखोर व कलाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर नजर रखना शुरू कर दिया है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रमेश चंद्र महावर ने किसानों से सरसों बुवाई से पूर्व खेतों में डीएपी खाद के स्थान पर सुपरफास्ट और यूरिया डालने की अपील की है। साथ ही विभाग के अधिकारी क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षकों को किसानों को सुपरफास्ट और यूरिया का मिश्रण डालकर सरसों की बुवाई करने के लिए किसानों को जागरूक तथा डीएपी खाद की कालाबाजारी एव जमाखोरी करने वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए। नदबई,कटारा व बरखेड़ा के खाद बीज विक्रेताओं को विभाग ने नोटिस थमाए गए हैं। साथ ही विक्रेताओं के गोदाम दुकान का निरीक्षण कर डीएपी यूरिया सुपरफास्ट का स्टॉक की जानकारी हासिल की है। जिससे खाद बीज विक्रेताओं में खलबली मची हुई है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रमेश चंद्र महावर ने बताया कि भरतपुर जिले में 20 सितंबर के बाद कभी भी सरसों की बुवाई शुरू हो सकती है। इस बार सरसों की बंपर बुवाई व क्षेत्र फल बढ़ने का अनुमान है।जिले में सरसों के लिए सितंबर माह में 10 टन अक्टूबर में 10 टन डीएपी की आवश्यकता है। अभी खाद जिले के सभी विक्रेताओं के पास करीब 7 टन डीएपी स्टॉक में है।जल्द हीं को डीएपी की रैक लगने वाली है। किसानों को सरसों बुवाई से पूर्व अधिक पैदावार को सुपरफास्ट ब यूरिया का उपयोग करना चाहिए । उन्होंने बताया कि जिले में खाद डीएपी की किल्लत को देखते हुए विक्रेताओं पर नजर रखी जा रही है। किसान अधिक पैसा लेने वाले विक्रेताओं की शिकायत व सूचना हमें दे सकते हैं। ऐसी शिकायत प्राप्त होने पर विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द किया जाएगा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर पुलिस में मुकदमा दायर होंगे।
* नमो हमें डीएपी दिला दे
गांव अरोदा निवासी चंद्रावती एवं हंतरा निवासी प्रेमवती ने बताया कि सरसों बुवाई का समय निकट आ गया,हमें डीएपी नहीं मिल रही डीएपी खरीदने को रोजाना कस्बा नदबई, भरतपुर, वैर आदि स्थानों पर जाते हैं। खाद विक्रेता डीएपी के लिए मंस ही नहीं रहे। दलालों के मार्फत 1350 रुपए के स्थान पर 14000 से 1500 सौ रुपए मैं डीएपी खरीदना पड़ रहा है। इन महिलाओं ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेजा गया है। जिसमें प्रार्थना की गई है कि नमो हमें डीएपी दिला दो