एडीजे कोर्ट ने अवैध विस्फोटक पदार्थ रखने के मामले में दो आरोपियों को 10-10 साल की सुनाई सजा

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10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

बयाना 13 सितंबर। अवैध विस्फोटक सामग्री रखने के 8 साल पुराने मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या-2 बयाना ने सुनवाई के बाद दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
एपीपी धीरज कुमार चौधरी ने बताया कि 18 नवंबर 2016 को गढ़ी बाजना थाने के तत्कालीन एसएचओ श्यामसुंदर शर्मा ने मुखबिर की सूचना पर थाना इलाके के दर्र बराहना भैरों बाबा मंदिर के पास कार्रवाई करते हुए बाइक सवार दो व्यक्तियों बीरबल का बेड़ा कोड़ापुरा निवासी हरीसिंह पुत्र प्रभु और मथुरा (यूपी) के मगोर्रा थाना इलाके के गांव चाहर नगलापुरा निवासी चंद्रपाल पुत्र प्रभु के पास से प्लास्टिक के एक कट्टे में अवैध विस्फोटक सामग्री के 200 गुल्ले बरामद किए थे। विस्फोटक का उपयोग अवैध रूप से माइंस में ब्लास्टिंग करने के लिए किए जाने की सूचना थी। विस्फोटक पदार्थ के संबंध में आरोपियों के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं था। इस पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। अनुसंधान के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 8 गवाह और 15 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए। मामले के दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश प्रशांत शर्मा ने आरोप प्रमाणित मानते हुए दोनों आरोपियों हरीसिंह और चंद्रपाल को विस्फोटक अधिनियम की धारा 5 के तहत 10-10 साल के कारावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।


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