कुशलगढ|दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष जयंतीलाल सेठ ने बताया बताया कि शाम में दिगंबर जैन बीस पंथी नोहरे में जैन रामायण नाटिका का मंचन हुआ जिसमें कलाकारों ने राम, लक्ष्मण,भरत, राजा जनक, सीता,रावण अन्य किरदार बनकर लोगों को अपने अभिनय से अभिभूत किया।नाट्य मंचन में बताया कि कैसे प्रभु श्री राम रावण पर विजय प्राप्त कर पुनः अयोध्या लोटे एवं जैन धर्म अनुसार मुनि दीक्षा धारण कर मोक्ष को प्राप्त हुए। नाटक में कई प्रकार की विभिन्न रोशनी से एवं हाथों में दीप लेकर समस्त समाज द्वारा नाटक में श्री राम का स्वागत अभिनंदन किया गया। नाटक के माध्यम से समाज जनों ने सीखा कि किस तरह भगवान राम ने अपने त्याग ,तप एवं दृढ़ संकल्प से विजय प्राप्त कर स्वयं की आत्मा का कल्याण कर मोक्ष प्राप्त किया। इस नाटक के माध्यम से यह बताया जाता है कि युद्ध और हिंसा से नहीं, बल्कि अहिंसा, सत्य और धैर्य से ही सच्ची विजय प्राप्त की जा सकती है। जैन धर्म के आदर्शों को साकार करते हुए यह नाटक दर्शकों को नैतिकता का पाठ सिखाता है। नाटक के अंत में, सभी पात्र मिलकर जैन धर्म के मूल्यों को दर्शाते हुए शांति, सत्य और अहिंसा का संदेश देते हैं।