कुशलगढ| मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय कुशलगढ़ में इतिहास विभाग द्वारा दिवेर विजय स्मृति कार्यक्रम के अंतर्गत महाराणा प्रताप कृतित्व व व्यक्तित्व विषय पर व्याख्यान व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने बताया कि दिवेर विजय महाराणा के जीवन का उज्ज्वल कीर्तिमान है। उनका व्यक्तित्व व कृतित्व सदैव संघर्ष में भी स्वाभिमान, दृढ़ता,शौर्य -पराक्रम राष्ट्रभक्ति व सहनशीलता के लिए प्रेरित करता है।भारतीय इतिहास में दिवेर विजय हमें गौरवान्वित करती है। इतिहास के सहायक आचार्य कन्हैयालाल खांट ने मेवाड़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को प्रस्तावित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।घास की रोटी खाई किन्तु मुगलों से लोहा लिया एवं अंतिम श्वास तक मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते रहे। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। डाॅ जोहन सिंह देवदा ने महाराणा प्रताप की संघर्षमय जीवन पर कविता प्रस्तुत की। इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में अरुणा वडखिया बी ए प्रथम वर्ष ने प्रथम स्थान सुखराम भूरिया बीए तृतीय वर्ष ने द्वितीय स्थान एवं प्रियंका भाभोर बीए द्वितीय वर्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विद्यार्थियों को दिवेर विजय पर डोक्यूमेंटरी दिखाई गयी।कार्यक्रम में सहायक आचार्य नरेन्द्र कुमार माखनसिंह मीना प्रविन्द्र कुमार डाॅ दिलीप कुमार डाॅ धनराज मीना आदि उपस्थित रहे।