श्री कदम खंडी धाम में देवी चित्रलेखा की भागवत कथा के तीसरे दिन, हजारों श्रद्धालुओं का दौलत सिंह फौजदार ने किया सम्मान
नदबई-जब आपके जीवन में आपको सद्गुरु मिल जाए तो समझ लेना कि, अब ये गोविन्द का इशारा है कि गुरु तो आ गए हैं अब गोविन्द भी आने वाले हैं। अब उनकी भी कृपा होने वाली है,
सद् ये शब्द कोई सस्ता नहीं है। सद्गुरु दीन्ही ऐसी नजरिया, हर कोई लागे मीत रे …
ये दृष्टि सिर्फ सद्गुरु से ही प्राप्त हो सकती है। इसलिए जब जीवन में सद्गुरु धारन हो जाये तो समझ लेना अब प्रभु बहुत प्रसन्न है हमसे हम पर भी कृपा बरसने लगी हैं।
सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में देवी चित्रलेखा ने अपनी मधुर वाणी से श्रवण कराते हुए कहा कि जीव जन्म लेते ही माया में लिपट जाता है। और माया में लिपट जाने के कारण जीव अपने कल्याण के लिए कुछ नहीं कर पाता। वह जैसे जैसे कर्म करता जाता है वैसे वैसे फल उसे भोगने पड़ते हैं।
देवी ने गुरु और शिष्य के बंधन पर प्रकाश डाला कहा कि सच्चे गुरु और शिष्य के सम्बन्ध का उद्देश्य सिर्फ भगवद् प्राप्ति होती है, जो शिष्य अपने सद्गुरु की अंगुली पकड़ कर भक्ति करता है निश्चित ही वह भगवान् को पा लेता है।
भागवत कथा के आयोजक स्थानीय भाजपा नेता और समाजसेवी दौलत सिंह फौजदार ने इस कार्यक्रम में पधारे हजारों श्रद्धालुओं का स्वागत व सम्मान किया। दौलत सिंह ने भी श्रवण करने आए जनों को मानव सेवा के बारे में बताया। दौलत सिंह ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। उन्होंने नदबई के आमजन से भाईचारे, सौहार्द, एकता और सद्भाव का आह्वान किया। दौलत सिंह ने हरिनाम नाम के जाप पर चर्चा करते हुए बताया कि हरि नाम सर्वोपरि हैं, मनुष्य को हरिनाम नहीं भूलना चाहिए।
वहीं भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एनके चौधरी ने श्रीमद् भागवत कथा में पहुंचकर देवी चित्रलेखा से आशीर्वाद लिया और श्री कदमखंडी धाम मंदिर के निर्माण हेतु 51000 रूपए की सहयोग राशि प्रदान की। देवी चित्रलेखा ने भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी को दुपट्टा पहनाकर आशीर्वाद दिया। वही भाजपा युवा नेता एवं समाजसेवी दौलत सिंह ने भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एनके चौधरी का पटका व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कल कथा के चतुर्थ दिवस में भगवान् के भक्तो की कथा और भगवान् के 24 अवतारो में से विशेष श्री वामन अवतार और भगवान् राम जन्म की कथा व कृष्ण जन्मोत्सव् मनाया जाएगा।
P. D. Sharma