बच्चो ने थाने पहुंचकर जानी पुलिस की कार्य पद्धति,किया अपनी जिज्ञासा का समाधान

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बागीदौरा| अक्सर पुलिस को देखकर डरे-सहमे रहने वाले छात्र-छात्राओं का खाकी के प्रति नजरिया बदल गया। शुक्रवार को महर्षि दयानन्द सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़ोदिया के बच्चों ने आनंदपुरी थाने पहुंचकर न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली को समझा, बल्कि पुलिसकर्मियों से संवाद किया। और इत्तेफाक ऐसा रहा की बागीदौरा पुलिस उपाधिक्षक विनय चौधरी भी पहुंचे तथा उनसे बच्चों ने जाना कि पीड़ित के थाने पहुंचने के बाद उसे क्या करना होता है। रिपोर्ट कैसे दर्ज की जाती है और महिलाओं से संबंधित समस्याएं कैसे सुनी जाती है। कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को आनंदपुरी थाने का भ्रमण कराया गया। कांस्टेबल आशीष पाटीदार, महिपाल सिंह सिसोदिया और रोहिणी भट्ट ने कहा कि पहले पढ़ाई के लिए अच्छे साधन नहीं थे, पैदल स्कूल जाते थे, जमीन पर बैठकर पढ़ते थे। अब जिस तरह से सुविधा मिलती है, उसी तरह से आप लोग बेहतर परिणाम दे सकते हैं। मोबाइल जितना सुविधाजनक है उतना ही खतरनाक भी है। किसी को ओटीपी न बताएं, किसी लिंक पर लोग इन न करें। ने बताया कि एफआईआर को प्रथम सूचना रिपोर्ट कहा जाता है। कोई भी अपराध होने पर सबसे पहले प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होती है। इसके बाद जांच कर चार्जशीट अधिकारियों के पास भेज कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाता है। बच्चों ने कंप्यूटर पर रिपोर्ट दर्ज होने की प्रक्रिया देखी। इसके बाद महिला हेल्पडेस्क पर महिला अपराधों की सुनवाई भी देखी। बच्चों ने बैरक, मैस, हवालात, कार्यालय आदि में भी जाकर व्यवस्थाएं देखीं। इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक विनय चौधरी ने सवाल किया कि कौन बच्चा पुलिस में भर्ती होकर सेवा करना चाहता है तो काकुल पाटीदार और कल्पना रावत ने कहा कि वह पुलिस बनना चाहती है। डिवायएसपी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपके साथ कोई अप्रिय घटना होती है, आपके परिवार में मां, बहन, भाभी या पड़ोस में कोई महिला को कोई परेशानी है तो आप उसकी आवाज बन सकते हैं और पुलिस को बता सकते हैं। इसीलिए आपको कुछ भी सहन नहीं करना है। अपने परिवार के लोगों को भी यह बताएं कि महिलाओं का सम्मान करें। आप ने एक व्यक्ति को समझाकर नशे से दूर किया, एक पीड़ित व्यक्ति की मदद कर दी तो समझो राष्ट्र के लिए आपने योगदान दिया है। इस अवसर पर विद्यालय के संस्था प्रधान बजरंग सिंह शेखावत, दिनेश जोशी, सुरेश पाटीदार, विनीत पाटीदार समेत विद्यालय स्टाफ के सदस्य मौजूद रहे

बच्चो के ख़ास रहे अनुभव
पुलिस से बात कर हिम्मत मिली और देश, समाजसेवा की प्रेरणा मिली। -ट्रिंकल नाई छात्रा पुलिस से डरें नहीं, थाने जाकर समझ में आया कि पुलिस से डरने की जरूरत नहीं है। कोई समस्या होने पर पुलिस की मदद लेनी चाहिए। – लेखनी पाटीदार, छात्रा पुलिस मदद करती है, कार्यक्रम काफी उपयोगी रहा। पुलिस सभी लोगों की समस्याओं को सुनकर मदद करती है। बैरक, मैस, कार्यालय की व्यवस्थाओं को भी जाना। – पवन आमलियार , छात्र
एफआईआर की जानकारी मिली, सरकार की योजनाओं की जानकारी मिली। पुलिस किस तरह मदद करती है, यह भी समझा। रिपोर्ट दर्ज करने आदि की जानकारी मिली। – सार्थक डिंडोर, छात्रा हेल्प डेस्क अच्छी लगी, महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प डेस्क पर जाकर अच्छा लगा। यहां महिलाएं बेझिझक अपनी बात शेयर कर मदद ले सकती हैं। -उर्वशी पाटीदार, छात्रा। ये जानकारी धर्मेंद्र उपाध्याय ने दी।


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