ज्ञान चक्षु जागृत कर स्वावलंबी बने – मुनि नीरज सागर

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सवाई माधोपुर 1 अक्टूबर। भारतवर्षीय दृष्टि दिव्यांग जय जिनेंद्र मित्र मंडल का दो दिवसीय प्रथम सम्मेलन अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में चतुर्मासरत मुनि संघ के सान्निध्य एंव समय आराधना चातुर्मास समिति के तत्वावधान में मंगलवार को सम्मान समारोह के साथ सम्पन्न हुआ।
इस मौके पर चमत्कारजी के विशुद्धमति सभागार में मुनि निर्मद सागर ने अपने उद्बोधन के जरिए दिव्यांगों को सीख देते हुए कहा कि जीवन से कभी शिकायत नहीं करें और अपने अंदर हीन भावना उत्पन्न नहीं करें। अपनी शक्ति का उपयोग आत्म कल्याण के लिए करना चाहिए। ऐसा पुरुषार्थ करो जिससे मन और परिणाम निर्मल बन सके।
इसी प्रकार मुनि नीरज सागर ने प्रेरक देशना देते हुए ज्ञान चक्षु को जागृत कर शेष चार इंद्रियों के माध्यम से स्वयं को सक्षम बनाकर स्वावलंबी बनने की प्रेरणा दी और युगल मुनियों ने सभी को मंगलमयी जीवन व्यतीत करने का आशीर्वाद दिया।
प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि समय आराधना चातुर्मास समिति पदाधिकारियों ने आत्मीय वातावरण के बीच दिव्यांग सुनील जैन जबलपुर, नितेश जैन सागर, भरतेश शाह मुंबई, अमित कोठारी गांधीधाम, योगेश कोठारी रतलाम, मीनल जैन हैदराबाद, सृष्टि जैन उदयपुर, अर्पित जैन, विमल जैन कोटा, प्रगति जैन निवाई, प्रेयश जैन उज्जैन, कवि जैन जोधपुर, कुशल जैन उदयपुर, प्रियांकी जैन, कुणाल जैन अहमदाबाद, गोपाल जैन उदयपुर, रितेश जैन सीहोर का तिलक लगा, माला पहना, दुपट्टा ओढ़ा, पगड़ी लगा व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और चमत्कार स्वामी से उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर चातुर्मास समिति संरक्षक मोहनलाल कासलीवाल, कोषाध्यक्ष अशोक पांड्या, सदस्य सुभाष अजमेरा, सकल दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष लाडली प्रसाद बाकलीवाल व गणमान्य महिला पुरुषो सहित दिव्यांगजनो के अभिभावक मौजूद रहे।


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