श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज का आगमन तथा भव्य व अभूतपूर्व स्वागत
कामां 14 जून:- श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में विराट धर्म सम्मेलनों की अध्यक्षता व लाखों भक्तों का मार्गदर्शन करने के बाद आज यहाँ श्री हरि कृपा आश्रम में पहुंचे। यहां पहुंचने पर क्षेत्रीय, स्थानीय व दूरदराज से आए भक्तजनों ने फूल मालाएं पहनाकर, पुष्प वृष्टि करते हुए आरती उतारकर “श्री गुरु महाराज” “कामां के कन्हैया” “लाठी वाले भैया” की जय जयकार के साथ पूर्ण धार्मिक रीति से भव्य व अभूतपूर्व स्वागत किया ।
उन्होंने कहा कि कि गंगा,गाय, गीता,गायत्री, गोविंद ये पांचों भारतीय संस्कृति की महान धरोहर है। अन्य देशों के विचारकों ने भी इसको स्वीकार किया है और वह उसे अपनाने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु हम भारतवासी सहज में प्राप्त इन सभी का महत्व ना समझकर इनके लाभ से वंचित रह रहे हैं। यदि हम पाँच में से किसी एक की भी शरण ले लें तो मानव का कल्याण सुनिश्चित है।
उन्होंने कहा कि संतों,शास्त्रों,महापुरुषों व अवतारों से प्रेरणाये, शिक्षाएं व उपदेश ग्रहण करके अपने जीवन को आदर्श दिव्य तो बनाए ही लेकिन जिन्हें हम नीच व अधर्मी मानते हैं अगर उनके जीवन से भी हमें कुछ अच्छाई मिल जाती है तो उसे भी अपने जीवन में उतारे। जिसको अच्छाई लेनी होती है तो वह नीच से नीच व्यक्ति से भी ग्रहण कर लेते हैं वरना दुर्योधन की तरह श्रीकृष्ण से भी नहीं।
P. D. Sharma