आकांक्षा रहित दान देना दान कहलाता है

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कुशलगढ| नोगामा परम पूज्य पवित्र मति माताजी के सानिध्य में आज प्रातः 1008 भगवान आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर 1008 भगवान समवशरण जैन मंदिर जी में शांति धारा अभिषेक हुआ। अभिषेक की पश्चात माताजी का चातुर्मास पंडाल में आगमन हुआ, मंगलाचरण के पश्चात प्रश्नमालिक अध्याय का अर्थ बताते हुए कहा कि मनुष्य को अपना दान आकांक्षा रहित दान करना चाहिए जब भी इच्छा हो जाए दान कर देना चाहिए दान करने के लिए समय का इंतजार नहीं करना चाहिए दान छुपा कर नहीं देना चाहिए एवं दाल ख्याति प्राप्त करने के लिए नहीं देना चाहिए एवं प्रति समय अपने भाव अच्छे रखें एवं सहनशील बने। प्रतिदिन प्रातः आजकल प्रश्न मालिक का माताजी द्वारा अध्ययन करवा रहे हैं। अध्ययन के पश्चात तिजारा महावीर जी, तड़ा मध्य प्रदेश आदि से पधारो हुए स साधरमी बंधुऔ का चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष निलेश जैन राजेंद्र गांधी नरेश जैन भरत पंचोली व सुरेश चंद्र गांधी विपुल पंचोली मुकेश गांधी द्वारा पगड़ी पहना कर दुपट्टा उड़ा कर सम्मान किया गया, तिजारा तीर्थ क्षेत्र से पधारे हुए सभी यात्रियों द्वारा सुखोंदय तीर्थ की वंदना की यात्रा संघ के तीर्थ संघपति आदेश्वर जी जैन ने कहा कि हमें माताजी के आशीर्वाद के साथ-साथ आज इस तीर्थ क्षेत्र की वंदना का सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं इस नगर में नवीन जिनालय भगवान मुनिसूवत बन रहा है वह शीघ्र पूर्ण हो ऐसी हमारी कामना है आज दिगंबर जैन समाज बड़ोदिया से भी जैन पाठशाला के छात्र एवं शिक्षिकाए भी माता जी के दर्शन आगमन हुआ माताजी को श्रीपाल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं सुखोदयजी के दर्शन किये चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष निलेश जैन ने बताया कि माताजी के सानिध्य में आगामी दिनों में सर्वतोभद्र विधान एवं पीछी परिवर्तन का कार्यक्रम होगा। इस हेतु व्यापक तैयारियां चल रही है उक्त जानकारी जैन समाज प्रवक्ता सुरेश चंद्र गांधी द्वारा दी गई।


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