रामलीला में मच रही धूम सीता राम विवाह व परशुराम लक्ष्मण संवाद ने राम भक्तों को चार घँटे तक अपने अभिनय से बांधे रखा

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 भावुक होकर सीता माता की हुई विदाई। जनता भी हो गयी भावुक

नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल ही नही अपितु पूरे देश ,प्रदेश, जिलों व क्षेत्रों एवं ग्रामीणों में भगवान रामलीला की धूम मची हुई है। इधर सरोवर नगरी में भी श्री राम सेवक सभा, आदर्श रामलीला कमेटी, तल्लीताल रामलीला समिति, के अलावा नव सांस्क्रतिक सत्संग समिति शेर का डांडा में भी रामलीला की धूम देखी जा रही है। यहाँ माता सीता के स्वम्बर, परशुराम लक्ष्मण संवाद का अभिनय करने वाले कलाकारों ने सैकड़ों जनता को मैदान में चार घण्टे तक का बैठने को विवश कर खूब वाहवाही बटोरी, भगवान राम ने जैसे ही शिव शंकर का धनुष तोड़ा तो भगवान परशुराम जो कि भगवान शिव के परम भक्त थे। उनको जानकारी प्राप्त होती है कि जनकपुरी में भगवान शिव का धनुष तोड़ दिया तो वह अपने क्रोध को काबू में न रखकर जनकपुरी पहुंच जाते हैं। जब देखते हैं। यहाँ तो शिव धनुष तोड़ दिया तो वह जनक को ललकारते हैं। जिसने भी यह शिव धनुष को तोड़ा है। वह मेरे सनमुख आ जाये नही तो जहां तक तेरा राज्य है सब उल्ट पलट कर दूँगा। तो भगवान राम सब जानते तो मन्द मुस्कान में कहते हैं यह शिव धनुष को तोड़ने वाला ही कोई भगवान शिव का ही परम भक्त हो गया। इसी बात को लेकर लक्षमण परशुराम को चिढ़ाने का प्रयास करते हैं। और जमकर एक दूसरे पर नोक झोंक शुरू हो जाती है। परशुराम कहते हैं बालक छोटा है बड़ा है खोटा, खोटा है नादान , लक्ष्मण उत्तर देते हैं बार बार फरसे को दिखाकर क्यों करते हो अपमान। मां को दे अपनी मारे । तो परशुराम का क्रोध और बढ़ जाता है।

भगवान राम जब देखते हैं । अब स्तिथि बहुत ही भयंकर हो गई तो उन्होंने बीच का रास्ता निकाला और दोंनो को शांत कराया। इस पर भगवान परशुराम राम को पता चल जाता है यह भी मेरे ही अवतार हैं। जबकि यह लीला सब विष्णु भगवान ने मानव को सबक सिखाने के लिए रची हुई थी।
इसके बाद जब भगवान परशुराम राम बिदा हो जाते तो भावक क्षण आ ही जाता है। जब माता सीता का हाथ भगवान राम को सौपा जाता है तो सुनैना कहती है जाओ बेटी जाओ ससुराल ओ मेरी लाड़ली चेली, सास ससुर की सेवा करयो , कुल की रखियो लाज,इस प्रकार से माता सीता राम का विवाह सम्पन्न होता है।
यहाँ बता दें माता सीता संस्कार पांडे, जनक डॉ हिमांशु पांडे, दीपा पांडे एक ही परिवार के तीनों सदस्य यह भूमिका निभा रहे हैं ।
इस पर सयुंक्त रूप से बताया कि यह भगवान राम की ही कृपा है ।जो चार घण्टे तक एक ही आसन में बैठकर अभिनय करना। इस पर सुनैना दीपा पांडे ने कहा भगवान श्री राम के आदर्शों पर चलना चाहिए। सीता माता ने कहा केवल एक ही परेशानी होती है महिला के वस्त्र धारण कर महिला की हूबहू नकल करना थोडी टप हो जाता है।
भगवान परशुराम का किरदार ललित गोस्वामी, भगवान राम का अभिनय निखलेश उपाध्याय, लक्ष्मण का रौनक सिंह, व विश्वामित्र का हर दा पंडित ने निभाया।
इस अवसर पर समाजसेवी जीवंती भट्ट बतौर मुख्यातिथि मौजूद रही।
समिति के अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत, व महासचिव पूरन चन्द्र पांडे समेत समिति के तमाम सदस्य रामलीला मंचन करने में अपना अपना सहयोग दे रहे हैं।।


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