भौतिक सत्यापन के अभाव में नहीं होगा भुगतान
सवाई माधोपुर, 8 अक्टूबर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक गौरी शंकर मीना ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से वृद्धावस्था विधवा, परित्यकता दिव्यांग पेंशन दी जाती है। साप्ताहिक समीक्षा बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन का रिव्यू करते हुए जिला कलक्टर शुभम चौधरी ने बताया कि जिले में कुल जिले में कुल 1 लाख 66 हजार 516 पेंशनर है जिनमें से 1 लाख 53 हजार 674 का सत्यापन हो गया है। इस प्रकार जिले के 92.29 प्रतिशत पेंशनर ने भौतिक सत्यापन करवा लिया है, जो पेंशन का लाभ उठा रहे है। इस वर्ष जिले के 12 हजार 842 पेंशनर्स ने भौतिक सत्यापन नहीं करवाया है। कलक्टर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में वार्षिक भौतिक सत्यापन से शेष रहे पेंशनर्स का सत्यापन तत्काल कराने के लिए समस्त एसडीएम, विकास अधिकारी, तहसीलदार, नगर परिषद आयुक्त, नगर पालिका ईओ को निर्देशित करते हुए कहा कि आगामी बैठक में प्रगति का रिव्यू किया जाएगा।
जिला कलक्टर ने भौतिक सत्यापन कराने की अपील:- जिला कलक्टर ने शेष सभी पेंशनर्स से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में भौतिक सत्यापन करवाने की अपील करते हुए कहा कि नई गाइडलाइन के अनुसार भौतिक सत्यापन नहीं कराने पर पेंशनर्स को राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भौतिक सत्यापन करवाने पर ही आगामी माह में पेंशन राशि का भुगतान किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष के लिए समस्त सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों के जीवित होने की पुष्टि को लिए नवम्बर-दिसम्बर माह में वार्षिक भौतिक सत्यापन प्रारम्भ होंगे।
ऐसे करा सकते हैं सत्यापन:- उन्होंने बताया कि पेंशनधारकों को वार्षिक भौतिक सत्यापन के लिए ई-मित्र कियोस्क राजीव गांधी सेवा केन्द्र, ई-मित्र प्लस आदि केन्द्रों पर फिंगर प्रिंट देना होगा। अंगुली की छाप नहीं देने वाले पेंशनर का भौतिक सत्यापन आईरिस स्कैन से भी कराया जा सकेगा।
इस प्रक्रिया से किसी पेंशनर का वार्षिक भौतिक सत्यापन नहीं होने की स्थिति में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वार्षिक भौतिक सत्यापन के लिए लाभार्थी, पेंशन स्वीकृतकर्ता अधिकारी (उपखण्ड अधिकारी/विकास अधिकारी) कार्यालय में के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित ओटीपी के माध्यम से भी सत्यापन करवा सकेंगे। अधिकारी की एसएसओ आईडी द्वारा एसएसपी पोर्टल पर संबंधित पंेशनर का पीपीओ नम्बर दर्ज करने पर उस पेंशनर के रजिस्टर्ड मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के आधार पर भौतिक सत्यापन किया जा सकेगा।