पशुओं का घर-घर पर होगा निशुल्क उपचार

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सवाई माधोपुर, 9 अक्टूबर। पशुओं के बीमार होने पर पशुपालक टोल फ्री नम्बर 1962 पर सूचना देकर निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकेंगे। पशुपालन विभाग की ओर से संचालित मोबाइल वेटरनरी यूनिट मौके पर पहुंचकर बीमार पशुओं का उपचार करेगी। बुधवार को पशुपालन विभाग द्वारा प्रदेश स्तर पर संचालित एकीकृत कॉल सेंटर की शुरूआत हुई। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक कंट्रोल यूनिट बनाया गया है जहां टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करते ही बीमार पशुपालक की चिकित्सा के लिए मोबाइल वेटरनरी यूनिट मौके पर ही पहुंचेगी और बीमार पशु का हर संभव उपचार करेगी। हालांकि पूर्व में इस योजना को 24 फरवरी 2024 को शुरू किया गया था लेकिन योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी और आज इस योजना को साकार रूप प्रदान करते हुए जिले में इसका शुभारंभ किया गया है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव गर्ग ने राजकीय बहुउद्देश्य पशु चिकित्सालय परिसर से सात वेटरनरी मोबाइल यूनिट को रवाना किया गया। जो कि पूरी तरह से जीपीएस से लैस है।
उन्होंने एकीकृत कॉल सेन्टर और मोबाइल वेटरनरी यूनिट की जानकारी देते हुए बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशीलता से बीमार पशुधन का निःशुल्क उपचार हो सकेगा। खुशहाल पशुपालक-समृद्ध राजस्थान के तहत पशुओं का घर पर ही निःशुल्क उपचार कराने के लिए मोबाइल वेटरनरी यूनिट की शुरुआत की गई।
उन्होंने बताया कि पशुपालक अपने पशु के रोगी होने पर कॉल सेंटर के नंबर 1962 पर सूचना दर्ज करा सकते हैं। कॉल सेंटर के सीएसओ द्वारा पशुपालक के नाम, ग्राम, पशु एवं रोग के लक्षण आदि की जानकारी प्राप्त कर सिस्टम पर दर्ज की जाएगी। लक्षणों के आधार पर सिस्टम में पूर्व से संधारित डाटा अनुसार एवं अथवा कॉल सेंटर पर उपस्थित पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार टिकट जनरेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूचना का एक मैसेज पशुपालक के फोन पर तथा एक मैसेज संबंधित ग्राम से मैप्ड मोबाईल वेटरनरी यूनिट के पशु चिकित्सक के फोन पर जाएगा। इसके साथ ही विवरण पशु चिकित्सक के फोन पर उपलब्ध मोबाइल एप पर भी प्रदर्शित होगा। पशु चिकित्सक तत्काल अपॉइंटमेंट बुक करते हुए रोगी पशु के स्थान के लिए रवाना होंगे।
सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी, बामनवास, चौथ का बरवाड़ा, बौंली, खंडार, मलारना डूंगर एवं सवाई माधोपुर ब्लॉक में एक-एक गाड़ी रखी गई है। प्रत्येक गाड़ी पर एक लाख पशुओं की देखरेख का जिम्मा तय किया गया है। 9 अक्टूबर से इस योजना को धरातल पर उतारकर पशुपालकों के बीमार पशुओं के उपचार के लिए सरकार द्वारा बेहतर सौगात दी गई है।


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