शाहपुरा| राजस्थान तेराकी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल व्यास का फुलिया कला में जनप्रतिनिधि और स्थानीय नेताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। अनिल व्यास अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ शक्तिपीठ धनोपमाता के दर्शन के बाद फुलिया कला पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। इस आयोजन का नेतृत्व फुलिया कला के जनप्रतिनिधि केदार जाट ने किया।
कार्यक्रम के दौरान कई प्रमुख नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। महावीर माली, सांवरलाल गुर्जर, आसाराम चाड़ा, सांवरमल चाड़ा, गीता राम गुर्जर, दुर्गा लाल शर्मा, दिलशान बलाई और बजरंग माली समेत अन्य गणमान्य लोगों ने व्यास और उनके पुत्र कार्तिकेय का स्वागत किया। उपस्थित जनसमूह ने गर्मजोशी से दोनों का अभिनंदन किया, जो तेराकी संघ में उनके योगदान और खिलाड़ियों के विकास के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए किया गया।
अनिल व्यास को राजस्थान तेराकी संघ का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते तेराकी खेल और इसके खिलाड़ियों के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई। संघ के सदस्यों का मानना है कि उनके नेतृत्व में राजस्थान में तेराकी खेल ने नई ऊंचाइयां छुई हैं और आने वाले समय में भी यह खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करता रहेगा।
इस अवसर पर उपस्थित कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अनिल व्यास का नेतृत्व न केवल तेराकी खेल के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है। व्यास का यह दौरा उनके समर्थकों के बीच काफी उत्साह का विषय रहा और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति लोगों में सम्मान की भावना स्पष्ट रूप से देखने को मिली।
स्वागत समारोह के बाद अनिल व्यास ने सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का धन्यवाद किया और संघ की ओर से राजस्थान में तेराकी खेल के विकास के लिए निरंतर काम करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करना है ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।
उनके पुत्र कार्तिकेय ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपने पिता के मार्गदर्शन में संघ के उद्देश्यों को पूरा करने में योगदान देने की बात कही। स्वागत समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह ने व्यास और उनके पुत्र को शुभकामनाएं दीं और उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना की।
यह भव्य कार्यक्रम फुलिया कला के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है, जहां तेराकी खेल और खिलाड़ियों के विकास के प्रति समर्पण को उजागर किया गया।