बड़ोदिया| शरद पूर्णिमा एवम वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में हरि मंदिर रामद्वारा बड़ोदिया पर किया गया महर्षि वाल्मीकि भगवान का गुरु पूजन माव भक्त रमेशचंद्र खराड़ी सागवाडीया ने बताया की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि धर्माचार्य डॉ श्री विकास महाराज बड़ोदिया,महंत फुलजी महाराज, महंत रूपा महाराज ने सर्व प्रथम वाल्मीकि भगवान का गुरु पूजन कर नारियल होम कराया तत्पश्चात महाआरती की गई धर्माचार्य डॉ विकास महाराज ने इस अवसर पर कहा की भगवान वाल्मीकि, संस्कृत रामायण के प्रसिद्ध रचयिता हैं जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने संस्कृत मे रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। रामायण एक महाकाव्य है जो कि भगवान श्री राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य व कर्तव्य से, परिचित करवाता है। महर्षि वाल्मिकी ने वनवासी समाज को हिंदू धर्म व सनातन संस्कृति की शिक्षा देते हुए धर्म के रक्षार्थ जीवन को जीने और हिंदू धर्म में रहकर आत्मकल्याण करने की राह दिखाई । इस अवसर पर कचरा आमलियर ,प्रभु कटारा , रकामा मईडा,कचरा खराड़ी,मांगीलाल डामोर, कलिया अहारी, कैलाश निनामा,कांजी कटारा, रणछोड़ मालीवाड आदि आस पास के गांवों के माव भक्तो ने पूजा अर्चना कर राष्ट्र धर्म संस्कृति रक्षार्थ नारियल होम पूर्णाहुति की सभी भक्त,मेट कोटवाल और माव भक्तो का महंत रूपा महाराज ने स्वागत सत्कार किया आगंतुक अतिथियों का आभार संजय बुनकर ने व्यक्त किया