वागड मेवाड के सबसे बडे भगवान का पुरे वागड में होगा स्वागत

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108 फीट उंचाई पर हवा में भगवान को 9 मिनीट तक स्थिर कर पुरे वागड क्षेत्र पर खुशहाली की द्रष्टी बरसाऐगें।यह नजारा पुरे भारत में पहली बार होगा

नौगामा| वागड मेवाड के सबसे बडे भगवान श्री मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा का 24 को होगा आगमन । शनि ग्रह अरिष्ट निवारक भगवान मुनिसुव्रतनाथ का भव्य मंदिर धर्म नगरी नौगामा में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशिर्वाद, निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागरजी महाराज के सानिध्य व प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोकर नगर के दिशा निर्देशन में मंदिर बनने जा रहा है । वास्तुविद श्रीपाल जैन व प्रवक्ता सुरेश गांधी ने बताया कि 20वें तीर्थंकर भगवान का सागर के भाग्योदय तीर्थ से विहार 20 अक्टु्बर को होगा जिनका मार्ग में जगह जगह स्वागत किया जाएगा । मुर्ति पूण्यार्जक परिवार के प्रदीप पिण्डारमिया पुत्र रतनलाल पिण्डारमिया ने बताया कि 22 को प्रात: सात बजे वागड में पहली बार प्रवेश करने वाले सबसे बडे भगवान की मुर्ति की भव्य् अगवानी कागदी पर होगी वहां से जुलुस के रूप में कलेक्ट्री चौराहे पर पहुंचेंगे जहां पर जिला कलेक्टर व पुलिस अधिक्षक व प्रशासन द्वारा अगवानी की जाएगी । वहां से पुराना बस स्टेण्ड कस्टम चौराहा, बाहुबली मेन रोड आदि स्थानो पर श्रद्धालु स्वागत करेंगे तथा खांदु कालोनी में प्रवेश पर आर्यिका विज्ञानमति माताजी के सानिध्य में खांदु कॉलोनी जैन समाज द्वारा अगवानी व सुबह 9 से 12 तक खांदु में शहर के श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मुर्ति रहेगी। तत्पश्चात वहां डेढ बजे से साढे तीन बजे तलवावडा विहार होगा जहां पर मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज के सानिध्यं में समाज द्वारा स्वागत होगा । वहां साढे चार बजे वीरोदय जुलुस जाएगा जहां पर रात्री विश्राम व भव्य भक्ति का आयोजन होगा । 23 को प्रात: सात बजे वीरोदय से बडोदिया जुलस पहुंचेगा जहां आर्यिका सुयशमति माताजी ससंघ के सानिध्य में समाज द्वारा अगवानी व साढे 11 तक दर्शन के लिए बडोदिया में रहेगी। 1 बजे से तीन बजे तक कलिंजरा में तथा साढे तीन बजे बागीदौरा अगवानी होगी एवं वहां रात्री विश्राम व भक्ति मैन चौराहे पर होगी । 24 को सुबह छह बजे पुरे वागड के श्रद्धालुओं के भव्य जुलुस के साथ सुखोदय तीर्थ पर भगवान पहुंचकर लगभग 12 बजे विराजमान आर्यिका पवित्रमति माताजी ससंघ के सानिध्य व प्रतिष्ठा चार्य प्रदीप भैया के सानिध्य व दिशा निर्देश में मंदिर के अन्दर से मध्य भाग से विशेष क्रेन से 108 फीट उंचाई पर हवा में भगवान को 9 मिनीट तक स्थिर किए जाएगें । यह नजारा विशेष इसलिए होगा कि शनि ग्रह अरिष्टं निवारक भगवान मुनि सुव्रतनाथ की प्रतिमा हवा में ही चारो दिशाओं में खुशहाली की द्रष्टी बरसा इस धरा को हरी भरी व धन्य करे इस भावना के साथ स्थापना होगी। उस दौरान समय ड्रोन से रत्नो की वर्षा होगी । श्रीपाल जैन ने बताया कि भगवान के विराजमान होने का द्रश्य का विभिन्न चैनलो के माध्यम से चौपन देशो में इसका प्रसारण होगा । इसके लिए नौगामा जैन समाज ने तैयारीया प्रारंभ कर दी है । उक्त जानकारी जैन समाज प्रवक्ता सुरेश चंद्र गांधी द्वारा दी गई।


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