राजस्थान में पत्रकार सुरक्षित नहीं, आखिर कब तक होते रहेंगे पत्रकारों पर हमले.?

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पत्रकार पर हमला कर हाथ-पैर तोड़े, 2 गाड़ियों में आए अज्ञात हमलावर, दैनिक सांध्य समाचार पत्र का संपादक हैं पत्रकार 

श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर शहर में गुंडागर्दी की घटनाएं बढ़ रही हैं। राह चलते व्यक्ति से मारपीट कर बुरी तरह घायल करने की कई वारदात हो चुकी हैं। सोमवार को भी शहर में ऐसी ही वारदात हुई। इसमें गुंडों ने एक स्थानीय दैनिक सांध्य समाचार पत्र के संपादक पर जानलेवा हमला कर दिया। वारदात को सोमवार शाम करीब सात बजे यूआईटी रोड पर अंजाम दिया गया। घायल को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद रेफर किए जाने पर एसएन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।

देर रात समाचार लिखे जाने तक बयान दर्ज नहीं हो पाए थे। सदर एसएचओ रमेश न्यौल ने बताया कि तीन ई छोटी निवासी मनुप्रतापसिंह यादव पर यूआईटी रोड पर हमला हुआ है। दो गाड़ियों में सवार कई आरोपी संभवतया पहले से घात लगाकर इंतजार में थे। पीड़ित अपनी कार लेकर चहल चौक से यूआईटी की ओर जा रहा था।

इस रोड पर एसबीआई ऑफिस के सामने एटीएम के निकट हमला किया गया। पीड़ित के दोनों पैरों व हाथों पर काफी चोटें मारी गई हैं। कार को भी तोड़ दिया गया। हमलावरों की ओर से रॉड और डंडों से चोटें मारने की आशंका है। हमले की सूचना पर ड्यूटी अधिकारी हैड कांस्टेबल मूलाराम, एसएचओ रमेश न्यौल, एसआई हंसराज, एएसआई बिरजूसिंह आदि स्टाफ मौके पर पहुंचा।

घटना की जानकारी देते हुए पत्रकार रणदीप राणा ने बताया कि शाम को करीब पौने छह बजे वह और मनुप्रतापसिंह साथ ही नगरपरिषद में किसी काम से गए थे। वहां से मनुप्रतापसिंह घर तीन ई जाने का कहकर गाड़ी गलेंजा लेकर चले गए। करीब सवा सात बजे उनके दोस्त अमित न्यौल ने फोन कर बताया कि मनु पर हमला हो गया है। यूआईटी के पास पहुंचो। अब यह समझ नहीं आ रहा कि घर जाते जाते वे यूआईटी की तरफ कैसे पहुंंच गए। आशंका है कि उनको फोन कर किसी ने यूआईटी की तरफ बुलाया होगा।

एसएचओ रमेश न्यौल ने बताया कि अज्ञात आरोपियों को पकड़ने को तीन टीमें गठित कर गई हैं। एसआई हंसराज, एसआई सुनील कुमार व एएसआई बिरजूसिंह के नेतृत्व में टीमें छापेमारी कर रही हैं। घटनास्थल के आसपास रोड पर से सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में दो गाड़ियां दिखाई दी हैं। इनकी तलाश की जा रही है। घायल के बयान दर्ज किए जाने की देर रात तक कोशिश की जा रही थी। पीड़ित की ओर से कोई संदेह या सुराग बताया जाएगा तो आरोपी को पकड़ने में मदद मिलेगी।


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