टाइगर टी -86 की मौत को गंभीर चोटों के कारण माना

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बौंली, बामनवास। श्रद्धा ओम त्रिवेदी। सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क के पास उलियाणा गांव के खेत पर रविवार को मृत मिले टाइगर टी-86 की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटों को माना गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग के राजबाग नाके पर मृत बाघ टी -86 का जयपुर से आई पशु चिकित्सकों की मेडिकल टीम ने पोस्टमार्टम किया एवं मृतक बाघ का ससम्मान अंतिम संस्कार कर दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि अज्ञात लोगों ने सामूहिक रूप से बाघ पर धारदार हथियार व पत्थरों से हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया मृतक टाइगर की रीड की हड्डी मुंह एवं चारों पैरों पर गंभीर चोटों के निशान मिले हैं मौत से पहले ही बाघ की जीब बाहर लटक गई थी इससे इस वन प्राणी के साथ हुई क्रूरता साफ झलकती थी। बाघ की उम्र 14 वर्ष थी एवं वह पूर्ण रूप से स्वस्थ था उसको बाघिन लाडली टी -8 ने जन्म दिया था। रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क के सीसीएफ अनूप के आर ने बताया कि मृतक टाइगर टी -86 के शरीर पर दो तरह की चौटें होना सामने आया है चेहरे पर धारदार हथियार से वार किए गए जिससे सिर की हड्डियां फैक्चर हो गई पीछे की हड्डियां भी टूट गई थी इन गंभीर चोटों से साफ नजर आता है ऐसा हमला तो इंसानों ने ही किया होगा।


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