राजस्थान बजट 2024-25 के भूमि आवंटन मामलों का जल्द निराकरण करवाने के दिए निर्देश
डीग, 04 नवंबर। जिला कलेक्टर उत्सव कौशल ने सोमवार को पंचायत समिति सभागार डीग में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने पूर्व बैठकों में दिए गए दिशा निर्देशों की पालना की समीक्षा करते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारी को सांवई खेड़ा डिप्रेशन से गोवर्धन ड्रेन तक पानी लिफ्ट करने के कार्य के लिए 30 अक्टूबर, 2024 तक टेंडर जारी न होने के कारण शोकॉज़ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जल संसाधन विभाग के एक्सईएन को पुनः निर्देशित किया गया है कि वे आज की तिथि में ही टेंडर करवाना सुनिश्चित करें और 20 नवंबर, 2024 तक कार्यालय आदेश जारी करें। बैठक में जेवीवीएनएल के अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि 33 केवी जीएसएस रसिया व 33 केवी जीएसएस जयश्री का कार्य पूर्ण करने के लिए 27 अक्टूबर, 2024 को टेंडर करवाए जा चुके है तथा 12 नवम्बर तक कार्यालय आदेश जारी कर दिए जाएंगे। 33 केवी जीएसएस सिरथला के आज ही जमीन आवंटन करने के लिए रेवेन्यू शाखा के सहायक प्रशासनिक अधिकारी को निर्देशित किया गया।
100 करोड़ की लगत से डीग में बाईपास निर्माण के संबंध में कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि वे बाईपास की एलाइनमेंट राजस्व विभाग के रिपोर्ट के अनुसार ही पूरा करे। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि सड़क निर्माण ज्यादा से ज्यादा सरकारी भूमि पर ही हो। पसोपा में देवनारायण आवासीय विद्यालय शुरू करने के बारे में जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि विद्यालय के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति आ चुकी है। अब केवल पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा टेंडर करना शेष रह गया है। कुम्हेर के गांव बाबूला स्थित दत्तात्रेय जी मंदिर के विकास के लिए ब्ल्यूप्रिंट पर्यटन विभाग को देने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को तीन हफ्ते पूर्व निर्देशित किया गया था परन्तु ब्ल्यूप्रिंट पर्यटन विभाग को न सौंपने के स्थिति में श्री कौशल ने विभाग को 6 नवंबर तक का समय दिया है। डीग और कामां बस स्टैंड के लिए भी जल्द ही भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। पीएचईडी विभाग को अभी से ही अगले गर्मी के सीजन में उपयुक्त मात्रा में आमजन को चंबल सप्लाई सुनिश्चित करने की बात कही गई। वही श्री कौशल ने डीग की प्राचीन सिंचाई व्यवस्था में रुचि दिखाते हुए एक्सईएन जल संसाधन विभाग को कल एक पीपीटी के माध्यम से प्राचीन सिंचाई व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी है।