ध्वजा रोहण के साथ श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान प्रारंभ
इन्द्राणीयो ने निकाली मंगल कलश यात्रा
बडोदिया| शाश्वत पर्व अष्टान्हिका महापर्व में सिद्धो की आराधना भक्ति अचर्ना करने आर्यिका विज्ञानमति माताजी की परम शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी,आर्यिका उदितमति माताजी व आर्यिका रजतमति माताजी के पावन सानिध्य एवं शुभम भैया शुभांशु बडामहल के कुशल निर्देशन में श्रीसिद्ध चक्र महामंडल विधान के प्रमुख पात्र सोधर्म इन्द्र राजकुमार जैन इन्द्राणी शर्मिला जैन, महासती मैना सुंदरी शारदा देवी चौखलिया,राजा श्रीपाल रमेश चंद्र चौखलिया, कुबेर इंद्र कांतिलाल खोडणिया, इन्द्राणी सज्जन देवी खोडणिया, महायज्ञ नायक रमेश चंद्र तलाटी व प्रेमलता देवी तलाटी, इशान इन्द्र कमलेश दोसी व इन्द्राणी साधना दोसी , सानत इन्द्र महेश दोसी व इन्द्राणी शीतल दोसी, माहेन्द्र इन्द्र नितेश जैन इन्द्राणी रक्षा जैन , यज्ञ नायक महिपाल जैन व शकुंतला देवी जैन, द्रव्य पूण्यार्जक निकुंज जैन व तप्ती जैन आदि विशेष पात्र तथा सिद्ध चक्र महामंडल विधान के प्रमुख 32 इंद्र इंद्राणी परिवारो ने विधान के प्रथम दिन आठ अर्घ्य चढाए। मंगल कलश स्थापना विधान के मांडने में प्रथम मंगल कलश नितिन तलाटी व मिठालाल तलाटी, विजेश जैन, नरेन्द्र जैन,अशोक जैन परिवार ने चार आराधना कलश स्थापित किए । दीप प्रज्जवलन मगनलाल खोडणिया ने किया। प्रारंभ में ध्वजा रोहण संतोष तलाटी परिवार ने किया जिसके उपरांत शांतिधारा संतोष तलाटी, पुत्र महिपाल तलाटी द्वारा की गई । सांय बग्गियो में बैठ कर महाआरती के पूण्यार्जक वंदना जैन धर्म पत्नी नरेन्द्र जैन परिवार ने श्रीजी की महाआरती की । इससे पूर्व विधान में भाग लेने वाली इन्द्रायणीयो ने मंगल कलशो को सिर पर धारण कर जिन मंदिर से बस स्टेण्ड से होते हुए विधान आयोजन स्थल तक शोभायात्रा निकाली। दोपहर में 1008 श्री कुण्डलपुर के बडे बाबा आदिनाथ भगवान महामंडल विधान का आयोजन आर्यिका संघ के सानिध्य में हुआ जिसके प्रमुख पात्र वंदना जैन धर्म पत्नी नरेन्द्र जैन परिवार ने अर्घ्यं चढाए । हल्दी रस्म का आयोजन विधान के पूर्व वैला की सांय में शुभम भैया के निर्देशन में गौत्र परिवर्तन व हल्दी रस्म का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रमुख पात्रो को हल्दी् लगाकर शुभ कार्य प्रारंभ किया। आशिष भैया तलाटी व मोहित तलाटी ने बताया कि प्रात:सभी प्रमुख पात्रो को उनके निवास से बग्गियो में बिठाकर गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा के रूप में आयोजन स्थल तक ले जाया गया।