कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष सत्संग और भंडारा, गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर हुआ आयोजन
भीलवाड़ा|हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस विशेष आयोजन में सतगुरु बाबा शेवाराम साहब का मासिक प्राकट्य उत्सव, श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती, और 15 दिनों से चल रही कार्तिक महात्म कथा का समापन किया गया।
कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सत्संग प्रवचन के माध्यम से बाबा शेवाराम साहब और गुरु नानक देव जी के जीवन, उनकी शिक्षाओं, और चमत्कारों की व्याख्या की। उन्होंने सनातन धर्म और देश के प्रति उनकी सेवाओं और योगदान का उल्लेख करते हुए बताया कि उनके कार्य आज भी प्रेरणा स्रोत हैं।
स्वामी जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए तत्समय की कठिन परिस्थितियों में गुरु नानक देव जी के प्रयासों को याद किया। साथ ही, भजन, जन्म साखी और अन्य धार्मिक कथाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रेरित किया।
स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में संत मायाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी बालक कुणाल, और मिहिर ने भजन और सत्संग के माध्यम से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। इस दौरान सभी को सेवा और सुमिरन के महत्व को समझाते हुए जीवन को सफल बनाने की प्रेरणा दी गई।
कार्यक्रम के अंत में विशेष आरती और प्रार्थना की गई, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। इसके बाद खीर और भंडारा प्रसाद का वितरण किया गया, जिससे समापन भक्तिमय और आनंदपूर्ण रहा। कार्यक्रम में संत समाज के साथ-साथ श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। आयोजन में आध्यात्मिकता और सेवा भावना का अद्भुत संगम देखने को मिला।
हरी शेवा उदासीन आश्रम का यह आयोजन श्रद्धा, आस्था, और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक बनकर सभी के लिए प्रेरणादायक रहा। गुरु नानक देव जी और बाबा शेवाराम साहब की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए यह पर्व समाज में शांति, सेवा, और समर्पण के संदेश को प्रसारित करता है।