कुशलगढ़| राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के वार्षिक पंचांग के अनुसार प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देशानुसार बांसवाड़ा जिले की जिला स्तरीय महिला विचार गोष्ठी का आयोजन कुशलगढ़ की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नवीन कुशलगढ़ में सम्पन्न हुई। जिला मंत्री जयदीप पाटीदार एवं उपशाखा अध्यक्ष पृथ्वीसिंह सिंह पडवाल तथा उपशाखा मंत्री कन्हैयालाल निनामा ने बताया कि भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व के सामने सर्वगुण संपन्न आदर्श नारी का श्रेष्ठ प्रतिमान रहा है। खासकर माता अहिल्याबाई होल्कर का संपूर्ण जीवन इसकी मिसाल है। यह विचार रविवार को कुशलगढ़ स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में माता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष में आयोजित विचार गोष्ठी में उपस्थित मातृशक्ति को संबोधित करते हुए राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत शारीरिक प्रमुख दीपमाला पंड्या ने व्यक्त किए।
संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता श्यामलता चौहान ने की, मुख्य अतिथि एवं वक्ता राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत शारीरिक प्रमुख दीपमाला पंड्या तथा विशिष्ट अतिथि जिला संगठन मंत्री(महिला) मीना पंवार रही।
गोष्ठी के प्रारंभ में अतिथियों ने माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्य वक्ता दीपमाला पंड्या ने पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष पर बोलते हुए कहा कि भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं बना था। यहां की महिलाओं ने इतिहास में वह स्थान अर्जित किया है जिससे देवता भी वंचित रहे हैं। लौह महिला महारानी अहिल्याबाई होल्कर का व्यक्तित्व व कृतित्व उन्हें विश्व की श्रेष्ठतम महिलाओं की पंक्ति में अग्रणी बनाता है जिनका भारत के इतिहास और जनमानस पर विशेष प्रभाव रहा है। उन्होंने बताया कि देवी अहिल्याबाई का सादगी पूर्ण जीवन, नीति युक्त शासन और कुशल राजनीति का संसार के इतिहास में एक विशेष स्थान है। उनका निष्ठावान और कर्तव्य परायण चरित्र महाराष्ट्र ही नहीं अपितु पूरे देश में लोकप्रिय है। वह गंगा नदी के समान पवित्र हैं। सदा सद्भावना युक्त कार्य कर सभी का कल्याण करती हैं। इन्हीं सद्गुणों के कारण वह जन-जन के हृदय में स्थान ग्रहण किए हुए है।’ अहिल्याबाई होलकर आदर्श नारी जीवन का श्रेष्ठ प्रतिमान है।
उनके ससुर मल्हारराव ने जिस प्रकार अहिल्याबाई होलकर का मार्गदर्शन व संरक्षण किया व उन पर विश्वास जताया ऐसा तो कभी पिताओं ने भी अपनी पुत्री का संरक्षण व मार्गदर्शन नहीं किया होगा। मल्हार राव द्वारा अहिल्याबाई को लिखे पत्र इतिहास के वे दस्तावेज हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरित करते हैं कि वे भी अपनी बेटियों पर इसी प्रकार विश्वास बनाए रखें और निरंतर उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देकर उनका मार्ग प्रशस्त करें। वर्तमान समय में अहिल्याबाई होलकर एक जीवंत उदाहरण है। देश की बेटियों को उनकी योग्यता के आधार पर अगर अवसर दिए जाएं तो इस देश की बेटियां लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होलकर के पदचिन्हों पर चलकर देश के गौरव का मान बढ़ाने वाली बनेंगी। हमें अपनी संकुचित सोच से बाहर निकलकर बेटियों को संरक्षण देकर आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बनाने का संकल्प लेना चाहिए ताकि वे डर, धोखे व शोषण का प्रतिकार कर मजबूती से अपनी उपस्थिति सिद्ध करें।
काशी विश्वेश्वर मंदिर के साथ-साथ पूरे देश के मंदिरों का निर्माण व पुनर्निर्माण का कार्य रानी ने करवाया। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में तीर्थ यात्रा के लिए विश्रामगृह, अयोध्या,नासिक में भगवान राम के मंदिरों का निर्माण, सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण,उज्जैन में चिंतामणि गणपति मंदिर निर्माण ये सभी कार्य रानी अहिल्या देवी ने दिल खोलकर किए हैं। उन्होंने कल्याणकारी व परोपकारी कार्यों द्वारा राष्ट्र निर्माण का महत्ती कार्य भी किया तथा देश में धार्मिक,सामाजिक, राष्ट्रीय एकता कायम करने के लिए सराहनीय प्रयास किए। इन सभी कार्यों के लिए भी केवल स्वयं संपत्ति को ही खर्च करती थी। जिस पर पूर्णतया राज परिवार का अधिकार था।महिला विचार संगोष्ठी के द्वितीय सत्र की अध्यक्षता जिला मंत्री जयदीप पाटीदार ने की, मुख्य अतिथि संभाग उपाध्यक्ष एवं प्रदेश पयवेशक देवीलाल पाटीदार, विशिष्ट अतिथि दिलीप पंवार जिला कोषाध्यक्ष तथा अनिल भट्ट जिला सचिव माध्यमिक शिक्षा रहे। द्वितीय सत्र में वक्ताओं ने संगठन की रीति नीति तथा शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की। सभी अतिथियों को शोल एवं पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन दिव्या पंड्या तथा दिगपाल सिंह राठौड़ ने तथा आभार शारदा गणावा ने माना।
गोष्ठी में जिला उपाध्यक्ष भरत माधविया, आशीष उपाध्याय, कन्हैयालाल निनामा,धरणी पंड्या,अनुराधा डामोर,सुलोचना राठौड़,अर्चना पंड्या,रुक्मणी रावत,दौलसिह डामोर,अशोक जोशी, संजय जोशी,धुले सिंह मइड़ा,प्राची आचार्य,कीर्ति, सुषमा सिह, तिलोत्तमा पंड्या, अन्तीमबाला भेदी, गीता सीघाड, निलम मुणिया, निर्मला रावत, अनुराधा डामोर , कीर्ति पाटीदार, सबु खड़िया, सारिका सुरावत, साधना पवार ऊषा पंड्या,वरसिंह मुनिया,नारदा चरपोटा,सुनीता शुक्ल सहित जिले की कई उपशाखाओं से महिला शिक्षिकाएं और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।