गुरू मां के विहार में हद़य भरा आंखो से निकली अश्रुधारा


आर्यिका संघ का बडोदिया से नौगामा के लिए विहार; उडा जा रहा है पंछी हरी भरी डाल से रोको तो रोको कोई गुरू को विहार से

बडोदिया, बांसवाड़ा।अरुण जोशी। उडा जा रहा है पंछी हरी भरी डाल से रोको तो रोको कोई गुरू को विहार से-यह गीत हर कानों में गुंज रहा था जब आर्यिका संघ का बडोदिया से विहार हुआ । विहार में ह़दय भरा आंखो से निकल रही थी अश्रुधारा । जैसे ही आर्यिका संघ का बडोदिया के श्रीआदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से विहार हुआ सबका ह़दय भर गया । छोटे बच्चे से लेकर बडे बुजुर्ग व महिला पुरूष बडी संख्या में विहार में शामील हुए उस समय ऐसा द्रश्य था कि रूंधे गले से कोई कुछ भी कहने में समर्थ नही हो रहा था । आशिष भैया तलाटी ने बताया कि 17 जुलाई नगर प्रवेश से 17 नवम्बर तक चातुर्मास के इस समय में आर्यिका विज्ञानमति माताजी के आशिर्वाद से उनकी शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी,आर्यिका उदितमति माताजी,आर्यिका रजतमति माताजी के इस ऐतिहासिक चातुर्मास के बाद संघ का बडोदिया से नौगामा के लिए विहार हुआ । चार माह की धर्म प्रभावना व संघ की सेवा करने का जो अवसर युवा वर्ग को मिला उस के अंतिम अवसर पर सभी बेहद दुखी मन से गुरू मां का विहार करा रहे थे । इससे पूर्व श्री आदिनाथ भगवान महामंडल विधान का आयोजन किया गया। जो दिया है उसे आगे बढाओं-आर्यिका सुयशमति माताजी ने कहा कि चार माह में जो सिखा है उसी से आगे बढते हुए अपने निर्मल परिणामों के साथ समाधिमरण हो ऐसी भावना सभी को करनी है। आर्यिका उदितमति माताजी ने कहा कि बडोदिया के मुल नायक भगवान श्री आदिनाथ को हम भी छोडना नही चाहते पर साधु को आज नही तो कल विहार तो करना ही पडता है । आर्यिका रजतमति माताजी ने कहा कि अभी से साधु नदी की बहती धारा के समान है इसलिए साधु नगर में आता है तो भी खुशीया मनाओं और साधु विहार करता है तो भी यही सोचो की अपने ही किसी भाई का कल्याण करने आगे विहार हो रहा है । इस दौरान चातुर्मास समिति अध्यक्ष केसरीमल खोडणिया, कांतिलाल खोडणिया,गोरव जैन,अन्वी जैन ने विचार व्यक्त किए। संचालन आशिष भैया तलाटी ने किया ।


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