शिवमहापुराण कथा का हुआ समापन

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शिवाड़ 27 नवम्बर। घुश्मेश्वर महादेव मंदिर कालरा भवन में आयोजित साथ दिवसीय संगीतमय शिव महापुराण कथा की पूर्णाहुती हवन यज्ञ के साथ बुधवार को हुई।
राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित विष्णु शरण शास्त्री ने कथा के अंतिम दिन बाहर में ज्योतिर्लिंग की कथा का वर्णन कर शिव के अनेक अवतारों का प्रसंग सुनाया। पंडित ने बताया कि व्यक्ति दूसरे के दोष में देखा है वह खुद के दोष नहीं देखा अगर व्यक्ति अपने दोष देखने लग जाए तो हमको दूसरे के दोष दिखना बंद हो जाएंगे। यह संसार दोष युक्त है वह अवगुणों से भरा हुआ है संसार छोड़कर कोई भी दोष मुक्त नहीं हो सकता अगर दोष मुक्त होना है तो संसार को छोड़कर ईश्वर से जुड़ना पड़ेगा। केवल ईश्वर ही निर्दाेष है। जैसा संग वैसा रंग इसलिए ईश्वर से जुड़ने के बाद आपको पूरे संसार में ईश्वर दिखाई देने लगेगा। उन्होंने द्वादश 12 ज्योतिर्लिंग की कथा में बताया कि 12 ज्योतिर्लिंग की कथा सुनने से शिव पुराण सुनने का फल प्राप्त होता है। शिव पुराण व्यक्ति को संसार से सुख देकर अंत में मुक्ति देता है और शिवलोक की प्राप्ति होती है। इस दौरान शिव पार्वती की मनमोहक झांकी सजाई गई इसके पश्चात उपस्थित सभी श्रोता गणों ने शिव पुराण कथा की महा आरती उतारी। अंत में यजमान वकील कैलाश चंद्र शर्मा पवन कुमार शर्मा राजेश कुमार शर्मा अरुण कुमार राजेंद्र सहित सह परिवार लोगों ने यज्ञ में पूर्णाहुति दी।
इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष प्रेम प्रकाश शर्मा पुरुषोत्तम फौजी सुरेंद्र कुमार शर्मा दुर्गा शंकर पारीक भंवरलाल मानी सत्यनारायण शर्मा सांवरा बोहरा देवी शंकर शर्मा लल्लू लाल शर्मा राम प्रसाद शर्मा रामनिवास खुमार, आचार्य परमानंद गंगापुर सिटी सैकड़ो की संख्या में महिलाएं पुरुष उपस्थित थे।


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