उपखंड उनियारा में पोस्ट ऑफिस के सामने सुबह सात बजे से आधार कार्ड बनाने वालों की लग जाती है लंबी कतारे। ग्रामीणों का कहना है कि दिन भर आठ घंटे में केवल 25 से 30 व्यक्तियों के ही आधार कार्ड बन पाते हैं। जिससे कहीं छात्र व आमजन परेशान होते नजर आ रहे हैं। सरकार ने आधार कार्ड को हर जगह अनिवार्य कर दिया। यहां तक की राशन भी आधार से मिलता है। अगर राशन कार्ड में आधार लिंक नहीं है तो राशन नहीं मिलेगा,न ही बच्चों का स्कूल में दाखिला होगा। ऐसे मैं आधार कार्ड जीवन के आधार से जुड़ गया है। अब सरकार ने इसे इतना महत्वपूर्ण दस्तावेज तो बना दिया,लेकिन लोगों के आधार कार्ड बनवाने, उन्हें अपडेट करवाने की व्यवस्था निजी हाथों में सौंप दी। नतीजा अब गांव-ढाणी के अनपढ़, गरीब लोग बच्चों के आधार कार्ड बनवाने, उन्हें अपडेट करवाने के लिए चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन समस्याका समाधान नहीं होता। क्योंकि ये काम एक दिन का नहीं है, ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है। पहले बच्चे का आधार बनता है,फिर एक वर्ष बाद उसे अपडेट करवाना पड़ता है। ऐसे में जब तक प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर एक नियत समय पर आधार कार्ड अपडेशन के शिविर नहीं लगेंगे तब तक गरीब ऐसे ही परेशान होंगे। यह समस्या भी किसी एक पंचायत या जिले की नहीं बल्कि लगभग प्रदेश भर की है। सरकारी स्तर पर आधार कार्ड बनाने का कोई काम नहीं होने से निजी लोग मनमानी शुल्क भी लेते हैं। कुछ सालों पहले पंचायत स्तर पर आधार कार्ड बनाने के शिविर जिले भर में लगे थे। जिसमें नवजात शिशु का आधार कार्ड बनाया गया था। अब बच्चे बड़े हो गए हैं। कुछ जगहों को छोड क़र दोबारा शिविर नहीं लगे। जिससे बच्चे बड़े हो गए लेकिन उनके फिंगर वेरीफाई नहीं हो पाए, क्योंकि फिंगर छोटी उम्र में नहीं आते। अब फिंगर वेरीफाई नहीं होने से उन बच्चों के दाखिले में समस्या आ रही है। वहीं उन्हें अन्य सरकारी योजनाका लाभ भी नहीं मिल पा रहा। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर परिजन कहां-कहां भटकें।